नई दिल्लीः सतनाम सिंह भामरा 2015 में जब एनबीए की टीम डलास मेवरिक्स के लिए चुने गए तो वे ऐसा करने वाले पहले भारतीय बास्केटबॉल खिलाड़ी बने. हालांकि इस बार यह 25 वर्षीय खिलाड़ी डोप टेस्ट में फेल होने के कारण चर्चा में है और उस पर दो साल का प्रतिबंधित लगाया गया है. पंजाब के 7 फुट 2 इंच लंबे इस खिलाड़ी ने एशियाई चैंपियनशिप, 2018, राष्ट्रमंडल खेलों और 2019 विश्व कप क्वालीफायर जैसे प्रमुख टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है.


भामरा ने 2015 में एनबीए में सलेक्ट होकर इतिहास रचा था. सतनाम को कभी भी इस बड़ी लीग में मेवरिक्स के साथ नहीं खेले इसके बजाय उन्होंने दो साल का अधिकांश समय जी-लीग में अपनी दूसरी-स्ट्रिंग टीम टेक्सास लीजेंड्स के लिए खेलते हुए बिताया. लेकिन वहां भी वे रेगुलर नहीं थे और 27 गेम में औसत 7.1 मिनट प्रति गेम, 1.5 अंक और 1.4 रिबाउंड था.


नवंबर 2021 तक लागू रहेगा प्रतिबंध
सतनाम दक्षिण एशियाई खेलों की तैयारियों के लिए लगाए गए शिविर के दौरान पिछले वर्ष नवंबर में डोपिंग परीक्षण में विफल रहे थे, जिसके बाद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था. हालांकि उस समय भामरा ने इससे इन्कार किया था. लेकिन बाद में स्वीकार कर लिया था.नाडा की ओर से लगाया गया प्रतिबंध 19 नवंबर 2019 से लागू होगा और 18 नवंबर 2021 को खत्म होगा. इस समय के दौरान वह भारत के लिए किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.


नेटफ्लिक्स ने भामरा पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है जिसमें उनके लुधियाना से फ़्लोरिडा अकादमी तक के सफर के बारे में बताया गया है. इसमें उनके 7 फीट 3 इंच लंबे पिता बलबीर सिंह भामरा, एनबीए कमिश्नर एडम सिल्वर, सैक्रामेंटो किंग्स के विवेक रणाडिव और एनबीए के सीनियर डायरेक्टर ट्रॉय जस्टिस के बारे में बताया गया है. ट्रॉय जस्टिस ने ही पहली बार सतनाम को देखा था.

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