CWG 2018: खत्म हुआ खेलों का महाकुंभ, 26 गोल्ड के साथ तीसरे नंबर पर रहा भारत
सायना ने देश को 26वां गोल्ड मेडल दिलाया जबकि इसके अलावा भारत की झोली में चार सिल्वर और दो ब्रॉन्ज भी आए. भारत ने इस साल कुल 66 मेडल जीते. जिसमें 26 गोल्ड 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज मेडल रहे.
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नई दिल्ली: 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स का अंतिम दिन भी भारतीय खिलाड़ियों के लिए शानदार रहा. अंतिम दिन भारत ने एक गोल्ड के साथ कुल सात मेडल जीते. सायना ने देश को 26वां गोल्ड मेडल दिलाया जबकि इसके अलावा भारत की झोली में चार सिल्वर और दो ब्रॉन्ज भी आए. भारत ने इस साल कुल 66 मेडल जीते. जिसमें 26 गोल्ड 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज मेडल रहे.
मेजबान ऑस्ट्रेलिया कुल 198 मेडलों के साथ मेडल तालिका में टॉप पर रहा. उसने 80 गोल्ड मेडल जीते. वहीं 136 मेडल के साथ इंग्लैंड दूसरे स्थान पर रहा.
चार साल पहले ग्लास्गो में हुए 20वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 64 मेडल जीते थे. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन 2010 देखने को मिला था जब दिल्ली में आयोजित इस खेल में कुल 101 मेडल जीते थे. साल 2014 की तुलना में भारत ने इस बार अधिक गोल्ड मेडल जीते. ग्लास्गो में उसने 15 गोल्ड मेडल हासिल किए थे और इस बार उसने 26 गोल्ड जीते.
अंतिम दिन किसके नाम रहा मेडल भारत को अंतिम दिन बैडमिंटन से एक गोल्ड और दो सिल्वर मेडल मिले. वुमेंस सिंगल में जहां एक ओर सायना ने गोल्ड जीता, वहीं पी.वी. सिंधु को सिल्वर मेडल हासिल हुआ.
सायना कॉमनवेल्थ गेम्स में दो गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं. वर्ल्ड नम्बर-12 सायना ने इससे पहले 2010 में दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया था.
लंदन ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडल विजेता सायना ने गोल्ड मेडल के लिए खेले गए फाइनल मुकाबले में दो बार सिल्वर और ओलम्पिक में भी सिल्वर जीत चुकीं हमवतन सिंधु को 56 मिनट में 21-18, 23-21 से मात देकर कॉमनवेल्थ गेम्स का दूसरा गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
इसके अलावा, पुरुष वर्ग में श्रीकांत को भी सिल्वर मेडल मिला. उन्हें फाइनल मुकाबले में मलेशिया के दिग्गज और कॉमनवेल्थ गेम्स में रिकॉर्ड पांच बार गोल्ड गोल्ड मेडल जीत चुके ली चोंग वेई ने मात दी.
वर्ल्ड नम्बर-7 ली ने वर्ल्ड नम्बर-1 श्रीकांत को एक घंटे और पांच मिनट तक चले मैच में 19-21, 21-14, 21-14 से मात देकर जीत हासिल की और पांचवें गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया.
श्रीकांत को भले ही हार के कारण सिल्वर मेडल मिला हो, लेकिन वह कॉमनवेल्थ गेम्स में अपना मेडल का खाता खोलने मे सफल रहे.
वह पिछली बार ग्लोग्सो में 20वें कॉमनवेल्थ गेम्स में केवल क्वार्टर फाइनल तक का सफर ही तय कर पाए थे. ऐसे में यह उनका कॉमनवेल्थ गेम्स का पहला मेडल है.
पुरुष युगल वर्ग में भी भारत को सिल्वर मेडल मिला. भारतीय जोड़ी को गोल्ड मेडल के लिए खेले गए मैच में 38 मिनट के भीतर इंग्लैंड की मार्कस एलिस और क्रिस लेंगरिज की जोड़ी ने सीधे गेमों में 13-21, 16-21 से मात दी.
चिराग और सात्विक की जोड़ी कॉमनवेल्थ गेम्स की पुरुष युगल स्पर्धा में मेडल जीतने वाली पहली जोड़ी बन गई है. इससे पहले कोई भी भारतीय पुरुष युगल जोड़ी मेडल जीतने में असफल रही थी.
भारत की महिला स्क्वॉश जोड़ी दीपिका पल्लिकल कार्तिक और जोशना चित्नप्पा ने महिला युगल के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा और वे गोल्ड मेडल से चूक गईं.
जोशना-दीपिका की जोड़ी को गोल्ड मेडल के मुकाबले में न्यूजीलैंड की जोले किंग और अमांडा लैंडर्स मर्फी की जोड़ी से हार मिली. ऐसे में भारतीय जोड़ी को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा.
जोले और मर्फी की जोड़ी ने 21 मिनट तक चले मैच में दीपिका-जोशना की जोड़ी को 11-9, 11-8 से मात दी और सोना जीता.
इस हार के कारण दीपिका और चिनप्पा 2014 में ग्लास्गो में आयोजित 20वें कॉमनवेल्थ गेम्स में जीते गए अपने गोल्ड मेडल को नहीं बचा पाईं.
भारत के टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरथ कमल और मनिका बत्रा-साथियान गणाशेखरन की भारतीय मिक्स्ड डबल्स जोड़ी ने यहां जारी 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में आखिरी दिन रविवार को पुरुषों की सिंगल और मिक्स्ड डबल्स का ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया.
शरथ ने जहां कॉमनवेल्थ गेम्स का दूसरा ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है, वहीं मनिका-साथियान की जोड़ी ने मेडल जीत कर इतिहास रचा है.
मनिका-साथियान की जोड़ी राष्ट्रमंल खेलों में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय मिश्रित युगल जोड़ी है. इससे पहले कोई भई भारतीय जोड़ी मिश्रित युगल स्पर्धा में मेडल नहीं जीत पाई थी.
मेन्स सिंगल्स शरथ के लिए यह जीत आसान नहीं थी. उन्होंने सैमुएल को 4-1 (11-7, 11-9, 9-11, 11-6, 12-10) से हराकर इस मैच को जीता और आखिरकार ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहे.
शरथ ने 2006 में मेलबर्न में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में पुरुष एकल वर्ग स्पर्धा का सोना जीता. 2010 में राजधानी दिल्ली में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने इसी स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
मनिका-साथियान की जोड़ी ने मिश्रित युगल स्पर्धा के ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेले गए इस मैच में अपनी हमवतन अचंता शरथ और मौमा दास की जोड़ी को मात दी.
मनिका और साथियान की जोड़ी ने शरथ-मौमा को एकतरफा मुकाबले में 3-0 (11-6, 11-2,11-4) से हराकर इन खेलों का पहला ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया.
मनिका ने 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में चौथा मेडल जीता है. शनिवार को मनिका ने महिलाओं के एकल वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था जबकि इससे पहले उन्होंने महिला टीम का हिस्सा रहते हुए गोल्ड जीतने के अलावा इससे पहले मौमा दास के साथ महिला युगल स्पर्धा का सिल्वर मेडल जीता था. में दीपिका-जोशना की जोड़ी को 11-9, 11-8 से मात दी और सोना जीता
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