12 साल पहले आज ही के दिन धोनी ने जिताया था पहला T-20 विश्व कप, आखिरी ओवर के रोमांच ने रोक दी थी सांसें
आज ही के दिन साल 2007 में टीम इंडिया ने पहला टी-20 विश्वकप जीता था. टीम इंडिया ने पाकिस्तान को पांच रन से हराकर खिताब पर कब्जा किया था.
नई दिल्ली: 24 सितंबर और साल 2007, 12 साल पहले आज ही के दिन पहले टी-20 विश्व कप का फाइनल मैच साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में खेला जा रहा था. युवा टीम इंडिया एम एस धोनी के नेतृत्व में फाइनल में पहुंची थी. यह मुकाबला इसलिए भी खास था क्योंकि सामने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान की टीम थी. धोनी की कप्तानी में भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया था. पहली बार खेले गए टी-20 विश्व कप खिताब पर टीम इंडिया ने कब्जा किया. इस रोमांचक जीत को आज 12 साल बाद फिर एक बार याद करने का दिन है. कैसे जोश से भरी टीम इंडिया ने खिताबी मुकाबले में पाकिस्तान को धूल चटाई थी.
पहले टी-20 विश्वकप का आयोजन वर्ष 2007 में दक्षिण अफ्रीका में हुआ. इस विश्वकप में कुल 12 टीमों ने हिस्सा लिया था. भारत-पाकिस्तान एक ही ग्रुप में थे. दोनों फाइनल में पहुंचे थे. भारतीय टीम ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में पांच विकेट खोकर 157 रन बनाए थे. जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम ने 19.3 ओवर में ही 152 रन पर सिमट गई. भारत ने पाकिस्तान को पांच रन से हरा दिया और पहला टी-20 टाइटल जीता.
September 24, 2007 - #TeamIndia was crowned World T20 champions #ThisDayThatYear pic.twitter.com/4yEJUd9iVC
— BCCI (@BCCI) September 24, 2017
गंभीर ने खेली थी शानदार पारी
टीम इंडिया की तरफ से पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने बेहतरीन बल्लेबाजी की थी. उन्होंने 54 गेंदों पर तेज तर्रार 75 रन बनाए थे. इस दौरान गंभीर ने पाकिस्तान के गेंदबाजों को जमकर धोया था. गंभीर ने आठ चौके और दो छक्के लगाए थे. हालांकि गंभीर के अलावा टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज कोई खास कमाल नहीं कर पाया.
आरपी सिंह और इरफान पठान के सामने पाकिस्तान ने टेके घुटने
157 रन को डिफेंड करने उतरी टीम इंडिया के दो गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया. आरपी सिंह और इरफान पठान ने 3-3 विकेट लेकर जीत की कहानी लिखी. आरपी सिंह ने पूरे टूर्नांमेंट के 7 मैचों में 12 विकेट चटकाए थे. वहीं जोगिंदर शर्मा ने फाइनल में दो विकेट लेकर जीत में अहम योगदान दिया.
आखिरी ओवर का रोमांच
मैच का आखिरी ओवर ऐसा कोई क्रिकेट का फैन नहीं होगा जो भूल सकता है. पाकिस्तान को मैच के आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रन की जरूरत थी.पाकिस्तान के नौ विकेट गिर गए थे. कप्तान धोनी ने गेंदबाजी की जिम्मेदारी युवा जोगिंदर शर्मा को दी. सामने बल्लेबाजी पर पाकिस्तान के धुरंधर मिस्बाह थे.
पहली गेंद- साफ तौर पर जोगिंदर शर्मा दबाव में दिख रहे थे. पहली ही गेंद उन्होंने वाइड फेंकी. अब जीत के लिए 6 गेंदों में 12 रन चाहिए थे. वाइड गेंद के बाद फिर एक बार पहली गेंद जोगिंदर शर्मा ने फेंकी और मिस्बाह रन बनाने से चूक गए. अब पाकिस्तान 5 गेंदों पर 12 रन चाहिए थे.
दूसरी गेंद- जोगिंदर ने फुलटॉस फेंकी और मिस्बाह ने छक्का जड़ दिया. अब चार गेंदों में 6 रन चाहिए थे.
तीसरी गेंद-इस गेंद को मिस्बाह ने स्कूप शॉट खेला और गेंद हवा में काफी उपर गई. मगर जब वह श्रीसंत के हाथों में आई तो भारतीय दर्शक झूम रहे थे. मिस्बाह ऑउट हो गए. भारत ने मैच पांच रनों से जीत लिया और पहला विश्वकप खिताब अपने नाम कर लिया.
यह भी पढें- कश्मीर को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर ट्रंप ने इमरान से पूछा- कहां से लाते हो ऐसे पत्रकार? इमरान खान का कश्मीर कार्ड एक बार फिर फेल, ट्रंप बोले- मध्यस्थता तभी जब भारत तैयार सबूतों के साथ बेनकाब होगा पाकिस्तान, भारत के पास है कश्मीर में सक्रिय 273 आतंकियों का पूरा ब्योरा तय नहीं था कोई कार्यक्रम, अचानक जलवायु परिवर्तन पर पीएम मोदी का भाषण सुनने पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप