नई दिल्ली: क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में गिने जाते हैं. सचिन ने जब अपना करियर शुरू किया था तो वो मिडल ऑर्डर में खेलते थे. ऐसे में पहले पांच सालों में वनडे में उनके बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला. लेकिन जैसे जैसे गेम आगे बढ़ता गया वो टॉप ऑर्डर में खेलने लगे. और यही वक्त था जब पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन के एक फैसले ने तेंदुलकर के क्रिकेट करियर को बदल कर रख दिया


27 मार्च 1994 को न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में वो अजहर ही थे जिन्होंने टीम मैनेजर अजीत वाडेकर से बात करने के बाद सचिन को इनिंग्स की ओपनिंग की जिम्मेदारी दी थी. इसके बाद जो हुआ उसकी गवाह आज पूरी दुनिया है.


अजहर ने एक इंटरव्यू में कहा कि, '' मैं ये देख रहा था कि लगातार 5 और 6 नंबर पर बल्लेबाजी करने के बाद भी सचिन के साथ कुछ हो नहीं रहा. ऐसे में मैंने फैसला लिया कि सचिन नवजोत सिंह सिद्धू के साथ पारी की शुरूआत करेंगे. ऐसे में बाद में ये भी पता चला कि सचिन पारी की शुरूआत करना चाहते थे. बाकी आगे मुझे शायद कुछ बताने की जरूरत नहीं क्योंकि सचिन इसके बाद दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज बनने में कामयाब हुए.''


उन्होंने आगे कहा कि सचिन के पास जिस तरह का टैलेंट था ऐसे में उन्हें सिर्फ एक मौके की तलाश थी. वो अटैकिंग बल्लेबाज थे ऐसे में हम सोचते थे कि अगर एक मैच में सचिन चल गए तो हमारा आधा काम हो गया.


बता दें कि अपने करियर का पहला शतक लगाने के बाद सचिन ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद वो 385 वनडे में ओपन करने के लिए उतरे जहां उन्होंने 49 शतक जड़े और 16000 से ज्यादा रन बनाए. 100 इंटरनेशनल शतक लगाने के बाद आखिरकार तेंदुलकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा