नई दिल्ली: क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसे भारत में सबसे ज्यादा खेला और देखा जाता है. एक तरफ जहां विराट एंड कंपनी न्यूजीलैंड में सीरीज खेल रही है तो वहीं टीम इंडिया की महिला क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया में वर्ल्ड कप. लेकिन इस बीच एक महिला क्रिकेटर के चर्चे सभी जगह हो रहे हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं चंडीगढ़ की अंडर 19 वनडे टीम की कप्तान काश्वी गौतम की. काश्वी गौतम ने घरेलू अंडर-19 वनडे ट्रॉफी में चंडीगढ़ और अरूणाचल के बीच हुए मुकाबले में एक इनिंग्स में 10 विकेट लेकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा लिया है. काश्वी ने यहां 49 रनों की पारी भी खेली.
यह मुकाबला कडप्पा के केएसआरएम कॉलेज ग्राउंड पर खेला गया. चंडीगढ़ की कप्तान काश्वी गौतम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. काश्वी ने 4.5 ओवर में 12 रन देकर 10 विकेट अपने नाम किए. काश्वी की खतरनाक गेंदबाजी के आगे अरूणाचल टीम की एक भी बल्लेबाज चल नहीं पाई और पूरी टीम मात्र 25 रन पर ही ऑल आउट हो गई. इससे पहले बल्लेबाजी के दौरान काश्वी गौतम ने 68 गेंदों पर 49 रनों की पारी भी खेली थी. उनकी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 4 विकेट पर 186 रन बनाए थे
काश्वी से एबीपी न्यूज ने खास बातचीत की जहां काश्वी ने अपने करियर, ट्रेनिंग, कोच और आगे के प्लान्स के बारे में बताया.
सवाल- जवाब
सवाल- आज के प्रदर्शन पर आप क्या कहना चाहेंगी?
जवाब: सबसे पहले तो मैं यही कहना चाहूंगी कि मुझे आज के प्रदर्शन से काफी गर्व महसूस हो रहा है. लेकिन मैं अब यहीं नहीं रूकना चाहती, मैं आगे और बेहतर प्रदर्शन करना चाहती हूं और आगे खेलना चाहती हूं. मैं इससे और अच्छा प्रदर्शन कर टीम इंडिया के लिए खेलना चाहती हूं.
सवाल: गेंदबाजी- बल्लेबाजी में सबसे ज्यादा क्या पसंद?
जवाब: मुझे सबसे ज्यादा गेंदबाजी पसंद है और मैं फिलाहल इसी पर फोकस करना चाहती हूं. बल्लेबाजी मैंने हाल ही में शुरू की लेकिन आगे चलकर अगर मुझे मौका मिला तो मैं बल्लेबाजी में नंबर 3,4 पर बल्लेबाजी करना पसंद करूंगी तो वहीं गेंदबाजी में टीम के लिए ओपनिंग गेंदबाज बनना चाहती हूं. क्योंकि मुझे नई गेंद से गेंदबाजी करना पसंद है और मुझे उससे मदद भी मिलती है.
सवाल: ट्रेनिंग और कोच के बारे में आपका क्या कहना है?
जवाब: मेरे कोच ही मेरे लिए सबकुछ हैं. वो ही मुझे ट्रेनिंग करवाते हैं और वही मुझे कोचिंग देते हैं शाम को. यहां तक पहुंचाने में उनका बहुत बड़ा हाथ है. सुबह 5:30 से लेकर 9 बजे तक मेरी ट्रेनिंग होती है. इसके बाद ड्रील्स और फिर मैं जिम जाती हूं. इसके बाद मेरा प्रैक्टिस सेशन होता है. ऐसे पूरे दिनभर मैं क्रिकेट और इसके अभ्यास में ही निकाल देती हूं. मैं इस खेल से अंत तक जुड़ना चाहती हूं.
सवाल: आप किसको अपना आदर्श मानती हैं?
जवाब: मैं अपना आदर्श भारतीय पुरूष क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को मानती हूं. उन्होंने फटे हुए जूते से अपने करियर शुरूआत की थी. इससे मुझे काफी प्रेरणा मिलती है. मैं हमेशा चाहती हूं कि मैं अपनी मेहनत इसी तरह करती जाऊं जिससे मैं भी एक दिन टीम इंडिया के लिए खेलूं.
सवाल: कौन बल्लेबाज सबसे पसंद और महिला टीम में किसको आदर्श मानती हैं?
जवाब: मुझे केएल राहुल पसंद है. वो हर माहौल में फ्लेक्सिबिलिटी के साथ खेलते हैं. उन्हें किसी भी स्थान पर बल्लेबाजी के लिए भेज दो वो हमेशा प्रदर्शन करते हैं. वहीं महिला टीम वर्ल्ड कप में काफी बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है. मैं चाहती हूं कि वर्ल्ड कप घर आ जाए. पूनम यादव और तानिया भाटिया जबरदस्त प्रदर्शन कर रही हैं. यहां महिला टीम में मैं झूलन गोस्वामी को अपना आदर्श मानती हूं. उन्होंने जिस तरह से प्रदर्शन किया वो बेहद कम देखने को मिलता है. उन्होंने टीम इंडिया को कई बार जितवाया है. वो हमेशा जिम्मेदारी के साथ खेलती है.
सवाल: क्रिकेट की शुरूआत कैसे हुई? और क्या क्या परेशानियां आई?
जवाब: मैंने गली क्रिकेट से खेलना शुरू किया था. लड़कों के साथ मैं खेलती थी. इसके बाद मुझे किसी ने कहा कि तुम अच्छा खेलती हो और तुम किसी कोचिंग में जाओ. इसके बाद मैंने अपने कोच के अंदर जाकर ट्रेनिंग लेना शुरू किया. कुछ टाइम के बाद पापा ने मुझे गवर्नमेंट स्कूल-26 एकेडमी में क्रिकेट की प्रैक्टिस करने के लिए भेजा. यहीं से मैंने पंजाब स्टेट टीम तक खेला और अब मैं करियर का सबसे बड़ा टूर्नामेंट चंडीगढ़ के लिए खेल रही हूं. मुझे मेरे परिवार ने शुरू से ही सपोर्ट किया है. मेरे माता पिता बस यही चाहते हैं कि मैं जल्द से जल्द टीम इंडिया के लिए खेलूं. मेरे पिता और मेरे कोच ने हमेशा मेरा समर्थन किया है. मैं बस अपना बेस्ट और आगे और मेहनत करना चाहती हूं.
सवाल: युवा लड़कियों को क्या सीख देना चाहती हैं?
जवाब: आप कुछ भी कर रहे हो अपना 100 प्रतिशत दो. उसे पाने के लिए अपना जी- जान लगा दो और अंत में उसे अपना बना लो. जब तक आप अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेते, तब तक आप मेहनत करते जाओ. हार कभी मत मानो.