Achinta Sheuli: कभी कम डाइट मिलने की वजह से बीमार पड़ जाते थे अंचिता शेउली, अब गोल्ड जीतकर रचा इतिहास
CWG Games 2022: बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में अंचिता शेउली ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है. हालांकि यह करने के लिए अंचिता को बेहद मुश्किल सफर तय करना पड़ा.
Commonwealth Games 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स में रविवार का दिन भारत के लिए शानदार रहा. रविवार को भारत की झोली में वेटलिफ्टिंग से दो गोल्ड मेडल आए. 20 साल के अचिंता शेउली (Achinta Sheuli) ने 73 किलोग्राम कैटेगरी में रिकॉर्ड 313 भार उठाकर इतिहास रचा. हैरानी की बात यह रही कि अचिंता ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी से करीब 10 किलोग्राम ज्यादा भार उठाया. हालांकि यहां तक पहुंचने के लिए अंचिता शेउली को बेहद ही मुश्किल सफर तय करना पड़ा है.
अंचिता ने 73 किलोग्राम कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतने के लिए 313 किलोग्राम भार उठाया. स्नैच में अंचिता ने 143 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 170 किलोग्राम वजन उठाया. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अंचिता के बचपन के कोच ने कहा, ''जब मैंने पहली बार अंचिता को देखा था तो वह बिल्कुल भी वेटलिफ्टर जैसे नहीं लगे थे. लेकिन उनके अंदर वो स्पीड थी जो कि एक एथलीट में होनी चाहिए.''
2013 में अंचिता ने वेटलिफ्टिंग के लिए तैयारी शुरू की थी. लेकिन उसी साल अंचिता के पिता के निधन की वजह से उनकी मुश्किल बढ़ गई. अंचिता के भाई ने हालांकि उनका पूरा सहयोग किया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक परिवार की हालात खराब होने की वजह से अंचिता को प्रोपर डाइट नहीं मिलती थी और वह कई बार बीमार हो जाया करते थे.
अंचिता के लिए बेहद मुश्किल रहा है सफर
2015 में अंचिता ने यूथ नेशनल गेम्स में हिस्सा लिया और वह तीसरे नंबर पर रहे. यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अचिंता ने सिल्वर मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की. लेकिन अंचिता 2020 में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए थे.
अंचिता के परिवार ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, ''हम उसकी ज्यादा मदद नहीं कर पाते थे. जब वो नेशनल के लिए गया तो हमने उसे 500 रुपये दिए थे और वह बेहद खुश था. जब वह पुणे में था तो अपनी ट्रेनिंग का खर्चा उठाने के लिए किसी लोडिंग कंपनी में काम करता था.''