पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अजीत अगरकर गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर एक नया दृष्टिकोण लेकर आए हैं. COVID-19 के बाद क्रिकेट की दुनिया अस्थायी रूप से कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए गेंद पर लार के इस्तेमाल का गवाह बनेगी. आईसीसी ने यह नियम हाल ही में लगाया था जो इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच आगामी टेस्ट श्रृंखला से प्रभावी होगा.


अनिल कुंबले की अगुवाई में आईसीसी क्रिकेट समिति ने विचार का प्रस्ताव रखा, जिसे आईसीसी ने भी सकारात्मक रूप से लिया. कई पूर्व और वर्तमान क्रिकेटरों ने इस खेल के बारे में शिकायतें व्यक्त की हैं जहां ये कहा गया है कि एक तरफ ये खेल पहले ही जहां बल्लेबाजों के पक्ष में है तो वहीं ये आगे भी झुक सकता है. पसीने के इस्तेमाल को एक समय अनुमति भी दी जा सकती है लेकिन क्या वो उतना स्विंग दिला पाएगा जितना लार की मदद से मिलती है.


अजीत अगरकर के अनुसार, खिलाड़ियों को लार का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जा सकती है यदि उन्हें खेल से पहले COVID-19 के लिए नेगेटिव पाया जाता है. अगरकर ने यह विशेष राय व्यक्त की; हालाँकि, ऐसे में एक चिकित्सा पेशेवर की सलाह अधिक सहायक होगी.


वर्तमान परिस्थितियों में लार के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने के लिए आईसीसी के उपाय से 42 वर्षीय सहमत हो गए. मुंबई के तेज गेंदबाज को लगता है कि यह गेंदबाजों के लिए आसान नहीं होगा; हालांकि, किसी को इंतजार करना होगा कि इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच के टेस्ट कैसे खत्म होते हैं.