नई दिल्ली: विश्वकप 2019 के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे मध्यक्रम के बल्लेबाज अंबाती रायडू ने इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेटों से संन्यास लेने की घोषणा की है. बता दें कि रायडू वर्ल्डकप 2019 के लिए भारतीय टीम में चयन के दावेदार थे. उनके फॉर्म को देखते हुए लग रहा था कि उन्हें अंतिम 15 में शामिल किया जाएगा, लेकिन उनको शामिल नहीं किया गया.
इसके बाद जब विश्वकप के दौरान शिखर धवन और विजय शंकर चोटिल होकर बाहर हुए तो फिर उम्मीद जगी कि रायडु को मौका मिल सकता है लेकिन चयनकर्ताओं ने ऋषभ पंत और मयंक अग्रवाल जैसे युवा खिलाड़ियों पर भरोसा करना उचित समझा. अब कहा जा रहा है कि इसी उपेक्षा से दुखी होकर उन्होंने संन्यास लिया है.
हालांकि उन्होंने अभी तक संन्यास का कारण नहीं बताया है. उन्होंने कहा है कि वह इंडियन प्रीमियर लीग में भी नहीं खेलेंगे लेकिन विदेशों में अन्य टी 20 लीग में खेलने के लिए तैयार हैं.
अंबाती रायडू ने 50 एकदिवसीय पारियां खेली हैं. इसमें रायडू ने 47.05 की औसत से 1694 रन बनाए हैं. जिसमें 124 * का सर्वोच्च स्कोर है. उन्होंने तीन शतक और 10 अर्द्धशतक लगाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट 79.04 है. उन्होंने जो पांच T20I पारी खेली हैं, उनमें उन्होंने 10.50 की औसत से 42 रन बनाए हैं.
अंबाती रायडू ने भारत के लिए साल 2013 में जिम्बाबे के खिलाफ डेब्यू किया था. इस मैच में उन्होंने 84 गेंद पर 63 रन की पारी खेली. वहीं टी-20 में उन्होंने पहला मैच साल 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. इससे पहले 23 सितंबर 1985 को जन्में रायडू के जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ अंडर 19 मैच रहा जिसमें उन्होंने नाबाद 177 रन बनाए थे.
विश्वकप में चयन नहीं होने से थे दुखी
आंध्र के इस 33 साल के खिलाड़ी को ब्रिटेन में चल रहे विश्व कप के लिये अधिकारिक स्टैंडबाई सूची में रखा गया था लेकिन आल राउंडर विजय शंकर के चोटिल होने के बाद उसकी अनदेखी की गयी. भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कुछ महीने पहले चौथे नंबर के लिये रायडू के नाम की घोषणा की थी लेकिन टूर्नामेंट के लिये चुनी गयी अंतिम टीम में रायडू की अनदेखी की गयी और शंकर को चुना गया. मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने इस फैसले को सही करार दिया था. इसके बाद रायडू ने इस बयान का मजाक उड़ाते हुए सोशल मीडिया पर ट्वीट किया, ‘‘विश्व कप देखने के लिये तीन आयामी (थ्री डी) चश्मे का आर्डर किया है. ’’ बता दें कि घरेलू सर्किट में साथी क्रिकेटरों के साथ कई बार और यहां तक मैच अधिकारियों के साथ झड़प के कारण रायडू की छवि तुनकमिजाज खिलाड़ी की बन गयी.
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