अनिल कुंबले बोले, 'कोहली को मेरे कोच रहने से दिक्कत थी, इसीलिए पद छोड़ा'
इस बीच बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना और कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने भारतीय टीम को दी गयी कुंबले की सेवाओं के लिये उनका आभार व्यक्त किया. चौधरी ने कहा, ''हम टीम में अनिल कुंबले के बहुमूल्य योगदान के लिये उनका आभार व्यक्त करते हैं. उनके रहते हुए टीम नंबर एक टेस्ट टीम बनी. भारतीय क्रिकेट को विभिन्न क्षमताओं में उनकी योगदान की जरूरत है. उन्हें भविष्य के लिये शुभकामनाएं.''
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View In Appपूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कहा कि स्थिति से बेहतर तरीके से निबटा जा सकता था. उन्होंने कहा, ''यह(कोच चयन प्रक्रिया) चैंपियन्स ट्राफी से ठीक पहले नहीं बल्कि घरेलू सत्र के बाद होनी चाहिये थी. इसे बेहतर तरीके से निबटाया जाना चाहिये था.''
कुंबले के इस बड़े फैसले के बाद पूर्व भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने ट्वीट किया, ''जिसने भी भारत के महान खिलाड़ी अनिल कुंबले के खिलाफ विद्रोह किया उसे बाहर कर देना चाहिए. निश्चित तौर पर इससे भारतीय क्रिकेट को नुकसान हुआ है.''
टीम ने इस 46 वर्षीय पूर्व कप्तान के कार्यकाल के दौरान आठ वनडे जीते और पांच गंवाये.
टीम ने कुंबले के कोच रहते हुए अच्छा प्रदर्शन किया. उसने वेस्टइंडीज के खिलाफ उसकी सरजमीं पर 2-0 से श्रृंखला जीती और उसके बाद न्यूजीलैंड(3-0), इंग्लैंड(4-0), बांग्लादेश(1-0) और आस्ट्रेलिया(2-1) को घरेलू श्रृंखला में हराया.
बीसीसीआई ने चैंपियन्स ट्राफी शुरू होने से एक दिन पहले ही मुख्य कोच पद के लिये नये आवेदन मंगवाये थे. कुंबले को कोच चयन प्रक्रिया में सीधा प्रवेश मिला था. जिन अन्य ने इस पद के लिये आवेदन किया है उनमें वीरेंद्र सहवाग, टाम मूडी, रिचर्ड पायबस और लालचंद राजपूत भी शामिल हैं.
कोहली ने टीम के आज वेस्टइंडीज रवाना होने से पहले आज कुंबले के साथ लंदन में बीसीसीआई के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ मुलाकात की. क्रिकेट सलाहकार समिति(सीईसी) ने इससे पहले बीसीसीआई को सूचित किया था वह कुंबले और कोहली के बीच मतभेद सुलझाने में नाकाम रही है जिसके बाद यह बैठक बुलायी गयी.
कुंबले ने हालांकि आईसीसी वार्षिक सम्मेलन के लिये लंदन में रूकने का फैसला किया है क्योंकि वह क्रिकेट समिति के चेयरमैन हैं जबकि भारतीय टीम बारबाडोस के लिये रवाना हो गयी.
कुंबले का यह फैसला आईसीसी चैंपियन्स ट्राफी फाइनल में पाकिस्तान से मिली शर्मनाक हार के केवल दो दिन बाद आया है. उनका एक साल का अनुबंध चैंपियन्स ट्राफी के साथ ही समाप्त हो गया था लेकिन उन्हें शुक्रवार से शुरू हो रही सीमित ओवरों की श्रृंखला के लिये टीम के साथ वेस्टइंडीज दौरे पर जाने का विकल्प दिया गया था.
कुंबले के इस फैसले के बाद बीसीसीआई ने बयान जारी कर कहा, 'भारतीय क्रिकेट बोर्ड(बीसीसीआई) पुष्टि करता है अनिल कुंबले ने भारतीय सीनियर पुरूष टीम के मुख्य कोच पद के तौर पर अपनी सेवायें समाप्त करने का फैसला किया है. इसमें कहा गया है, 'क्रिकेट सलाहकार समिति(सीएसी) ने हालांकि मुख्य कोच के रूप में उनका कार्यकाल बढ़ाने का पक्ष लिया था लेकिन अनिल कुंबले ने कोच के रूप में नहीं बने रहने का फैसला किया.
कुंबले ने एक लंबे लेख में लिखा, 'क्रिकेट सलाहकार समिति(CAC) ने मुझसे हेड कोच के तौर पर अपना कार्यकाल आगे बढ़ाने के लिए कहा था. लेकिन इसके साथ ही मुझे बताया गया कि कप्तान को मेरी कार्यशैली को लेकर परेशानी है. यह जानकर मैं हैरान रह गया क्योंकि कप्तान और कोच की सीमाएं मुझे अच्छी तरह से पता हैं. हालांकि बीसीसीआई ने मेरे और कप्तान के बीच सुलह कराने की कोशिशि की. लेकिन यह स्पष्ट था कि यह साझेदारी आगे नहीं चलने वाली थी. ऐसे में मैंने इस्तीफा देना ही बेहतर समझा.'
भारतीय क्रिकेट से जुड़े इस बड़े फैसले के बाद अनिल कुंबले ने देर रात एक ट्वीट कर अपने इस्तीफे की वजह भी सार्वजनिक की.
कुंबले ने बीसीसीआई को अपने फैसले की जानकारी दी. जिसके बाद बीसीसीआई ने कुंबले के इस्तीफे की खबर की पुष्टि की.
टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कोचों में से एक रहे. लेकिन उनके कार्यकाल का अंत कुछ कड़वी यादों के साथ हुआ.
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच अनिल कुंबले ने कप्तान विराट कोहली के साथ मतभेदों के बीच मंगलवार शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
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