Anju Bobby George on Neeraj Chopra: वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Athletics Championships) के 39 साल के इतिहास में अब तक भारत को केवल दो मेडल मिले हैं. एक आज (24 जुलाई) नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने जीता है और दूसरा 19 साल पहले भारतीय लॉन्ग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज (Anju Bobby George) ने जीता था. अंजू ने साल 2003 में पेरिस में हुए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. आज जब नीरज ने इस चैंपियनशिप में भारत को दूसरी सफलता दिलाई तो अंजू बॉबी जॉर्ज को अपना यह ऐतिहासिक मेडल याद आ गया. उन्होंने इस खास मौके पर क्या कुछ कहा, यहां पढ़ें...


अंजू ने कहा, 'मैं सोच रही थी कि हे भगवान, मैं भी पेरिस में 2003 में एक वक्त नीरज जैसी स्थिति में थी. वह पहले तीन प्रयासों के बाद चौथे स्थान पर था और मैं भी पहले तीन प्रयासों के बाद चौथे स्थान पर थी. मैं पहले प्रयास के बाद शीर्ष पर थी लेकिन तीसरे प्रयास के बाद चौथे स्थान पर खिसक गई थी और पदक की दौड़ से बाहर थी लेकिन मैं वापसी करने और पदक जीतने के लिए प्रतिबद्ध थी और मैंने पदक हासिल किया. नीरज के साथ भी ऐसा ही हुआ.' 


वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जैवलिन थ्रो के फाइनल में नीरज चोपड़ा की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और उन्होंने पहले प्रयास में फाउल किया था. इसके बाद उन्होंने 82.39 मीटर और 86.37 मीटर भाला फेंका लेकिन वह टॉप-3 से बाहर थे. चोपड़ा ने इसके बाद चौथे प्रयास में 88.13 मीटर भाला फेंक कर दूसरा स्थान हासिल किया. इसके बाद पांचवें और छठे प्रयास में चोपड़ा ने फाउल किया.


जहां तक अंजू का सवाल है तो वह पहले प्रयास में 6.61 मीटर कूद लगाकर पहले स्थान पर थीं लेकिन अगली दो कूद में वह फाउल कर गई थीं और चौथे स्थान पर खिसक गई थी. अंजू ने चौथे प्रयास में 6.56 मीटर कूद लगाई लेकिन वह चौथे स्थान पर ही बनी रही. पांचवें प्रयास में उन्होंने 6.70 मीटर की छलांग लगाकर तीसरा स्थान हासिल किया और देश के लिए कांस्य के रूप में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पहला पदक जीता.


अंजू ने कहा, 'अगर आप आसानी से आत्मविश्वास खो देते हैं तो फिर आप पदक नहीं जीत सकते. अगर आप विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल हैं तो आपको अपनी क्षमता पर विश्वास होना चाहिए और पदक जीतने के लिए एकाग्रता बनाए रखनी चाहिए.'


अंजू कहती हैं, 'ओलंपिक में स्वर्ण पदक और फिर उसके बाद विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतना वास्तव में एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने एक बार फिर से देश का गौरव बढ़ाया है. जब उन्होंने पहले प्रयास में फाउल किया तो हर भारतीय सकते में आ गया था. मैं भी दबाव में थी क्योंकि वह अपने पहले और दूसरे प्रयास में अमूमन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहे हैं. उन्होंने चौथे प्रयास में शानदार वापसी की और इससे काफी राहत मिली.'


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