Paris Olympics 2024, Afghanistan: अफगानिस्तान में तालिबान का शासन है. तालिबान ने अगस्त 2021 में सत्ता अपने हाथों में ले लिया था. इसके बाद से देश की खेल संबंधी गतिविधियों पर बुरा असर पड़ा. अब इस वक्त सबसे बड़ा सवाल है कि क्या तालिबान पेरिस ओलंपिक के लिए अपने एथलीटों को हरी झंडी देगा? लेकिन इस बीच अच्छी खबर सामने आ रही है. दरअसल, पेरिस ओलंपिक के लिए अफगानिस्तान के 6 एथलीट जाएंगे. जिसमें 3 वीमेंस एथलीट होंगी, जो साइकलिंग का हिस्सा हैं. इसके अलावा अफगानिस्तान के 2 पुरूष एथलीट होंगे, जो स्विमिंग और जूडो में जोर-आजमाईश करेंगे.


इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने पेरिस ओलंपिक में अफगान भागीदारी पर अपना पक्ष साफ कर दिया है. अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने साफ तौर पर कहा कि तालिबान अधिकारियों को भाग लेने से रोक दिया जाएगा. साथ ही तालिबानी झंडे इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. दरअसल, इससे पहले पेरिस ओलंपिक में अफगानिस्तान के हिस्सा लेने पर संशय बना हुआ था. ऐसा माना जा रहा था कि तालिबान की वजह से अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति मान्यता देने से इनकार कर सकता है, लेकिन अब साफ हो गया है कि अफगानिस्तान पेरिस ओलंपिक का हिस्सा होगा.


साथ ही अफगानिस्तान मूल के 5 रिफ्यूजी एथलीट हिस्सा होंगे, लेकिन वह रिफ्यूजी ओलंपिक टीम बैनर के तहह होंगे. दरअसल, इस एथलीटों को अफगानिस्तान के बदतर राजनीतिक हालात के कारण देश छोड़ना पड़ा, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति चाहती है कि इन रिफ्यूजी एथलीटों को इंटरनेशनल लेवल पर अपना जलवा दिखाने का अवसर मिले. बताते चलें कि तालिबान ने अगस्त 2021 में सत्ता अपनी हाथों में ले लिया था. इसके बाद से देश की खेल संबंधी गतिविधियों पर बुरा असर पड़ा. साथ ही तालिबान के रिश्ते अन्य देशों के साथ सहज नहीं हैं, जिसका असर खेलों पर हो रहा है.


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