नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी कोई क्रिकेट का मुकाबला खेला गया है दोनों टीमों की तकरार भी देखी गई है. एक तरफ फैंस जहां मैच को लेकर काफी जोश में दिखते हैं तो वहीं मैदान पर भी माहौल ऐसा होता है जो देखने लायक बनता है. आज भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप का मुकाबला खेला जाना है. कल के हुए मैच में भारत ने हांगकांग को 26 रनों से हरा दिया. तो चलिए नजर डालते हैं कुछ ऐसे मुकाबलों पर जहां भारत और पाकिस्तान के बीच देखने को मिलें ये 5 दमदार मुकाबले.


31 अक्टूबर, 1984:  पाकिस्तान के सियालकोट में भारत और पाकिस्तान के बीच वनडे मैच खेला जा रहा था तभी नई दिल्ली में इंदिरा गांधी के घर में उन्हीं के दो बॉर्डीगॉर्ड्स ने उनकी हत्या कर दी.


दिलीप वेंगसरकर और रवि शास्त्री भारत के लिए रन जुटाने में लगे हुए थे तभी इंदिरा गांधी की हत्या की खबर मिली और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक ने तुरंत मैच को रोकने का फरमान सुनाया. तभी सुनील गावस्कर ने भी पूरी टीम को ये निर्देश दिया और मैच रोक दिया गया. वेंगरसरकर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि हमें जैसे ही ये खबर मिली हम मैच खेलने के हालात में नहीं थे. इस मैच को आज 30 साल बीच चुके हैं लेकिन आजतक इसे कोई भुला नहीं पाया है.


मार्च 22, 1985:  वनडे में इमरान खान का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6-14. खान ने पूरी टीम इंडिया को अपनी गेंदबाजी के दम पर पानी पिला दिया था जहां उन्होंने पूरी टीम को सिर्फ 125 रनों पर ही ढेर कर दिया. लेकिन पाकिस्तान के साथ उल्टा हो गया और उनकी पूरी टीम सिर्फ 87 पर ही ऑल आउट हो गई. खान जो फिलहाल पाकिस्कान के प्रधानमंत्री है उन्हें उस दौरान मैन ऑफ द मैच चुना गया था.


18 अप्रैल, 1986: ये मैच शायद भारत हमेशा के लिए भुलाना चाहेगा. शारजाह में दोनों टीमों के बीच मुकाबला चल रहा था. पाकिस्तान को जीत के लिए आखिरी गेंद पर 4 रनों की जरूरत थी. भारत के चेतन शर्मा के हाथों में गेंद थी. चेतन शर्मा ने रनअप लिया दौड़ते हुए आए और जावेद मियांदाद को गेंद करवाई. मियांदाद ने सीधे गेंद को 6 रनों के लिए मार दिया. इस मुकाबले के बाद मियांदाद को सोने का बल्ला दिया गया था और वो तुरंत पाकिस्तान के हीरो बने गए लेकिन इधर चेतन शर्मा को फैंस की तरफ से गालियां और ताने सुनने पड़े थे.


साल 1999: सचिन तेंदुलकर साल 1999 और 2000 में अपने बैटिंग के टॉप फॉर्म में थे लेकिन 1999 में चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ उनके साथ कुछ अलग ही हुआ. भारत को जीत के लिए 271 रनों की जरूरत थी. तेंदुलकर के 136 रनों की शानदार पारी की बदौलत टीम जीत के काफी करीब पहुंच गई थी. लेकिन पाकिस्तान के ऑफ स्प्निर सकलैन मुश्ताक ने उन्हें आउट कर दिया और भारत वो मैच 12 रनों से हार गया. भारतीय फैंस ने जहां खड़े होकर वसीम अक्रम की टीम को स्टैंडिंग ओवेशन दिया तो वहीं तेंदुलकर निराश रह गए.
रोते हुए तेंदुलकर ड्रेसिंग रुम में गए और जब मैन ऑफ द मैच का एलान किया गया तो तेंदुलकर इतने उदास थे कि वो अपना अवार्ड लेने ड्रेसिंग रूम से बाहर ही नहीं आए.


जोहानिसबर्ग 2007, दक्षिण अफ्रिका: भारत और पाकिस्तान क्रिकेट के नए फॉर्मेट को आजमा रहे थे. पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक टीम को 158 रनों के चेस को लेकर लगातार आगे बढ़ रहे थे. लेकिन हक को जीत के लिए अंत में जोगिंदर शर्मा का ओवर मिला. शर्मा ने गेंद फेंकी और हक ने उसे पैडल शॉट खेलते हुए पीछे की तरफ मार दिया. गेंद हवा में थी और दर्शकों के दिल मुंह में. लेकिन पीछे खड़े श्रीसंत ने गेंद लपक लिया और पाकिस्तान के पहले टी-20 वर्ल्ड कप जीतने का सपना तोड़ दिया. जिसके बाद भारतीय टीम को मिला एक ऐसा शख्स यानी की महेंद्र सिंह धोनी जिसने टीम को जीतने की आदत डाली.