दुष्यंत ने जीता पूरे भारत का दिल लेकिन मेडल सेरेमनी के बाद स्ट्रेचर पर ले जाए गए
फाइनल में दुष्यंत ने इस स्पर्धा को समाप्त करने में 7 मिनट और 18.76 सेकेंड का समय लगाते हुए ब्रॉन्ज पर निशाना साधा.
नई दिल्ली: भारत को यहां जारी 18वें एशियाई खेलों में छठे दिन शुक्रवार को दुष्यंत ने लाइटवेट एकल स्कल्स स्पर्धा के फाइनल में ब्रॉन्ज मेडल दिलाया. दुष्यंत के बाद नौकायन स्पर्धा में भारतीय टीम को एक और ब्रॉन्ज मेडल हासिल हुआ है. रोहित कुमार और भगवान सिंह की जोड़ी ने यहां पुरुषों की लाइटवेट युगल स्कल्स स्पर्धा के फाइनल में ब्रॉन्ज मेडल जीता.
अंत तक दुष्यंत ने नहीं मानी हार
फाइनल में दुष्यंत ने इस स्पर्धा को समाप्त करने में 7 मिनट और 18.76 सेकेंड का समय लगाते हुए ब्रॉन्ज पर निशाना साधा. दुष्यंत ने 2014 में भी एशियाई खेलों में इसी स्पर्धा में भारत को कांस्य पदक दिलाया था. हालांकि, इस बार उनका समय पिछले एशियाई खेलों से बेहतर है. उन्होंने इंचियोन में 2014 में हुए एशियाई खेलों में इस स्पर्धा को 7 मिनट और 26.27 सेकेंड में पूरा किया था. इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल दक्षिण कोरिया के खिलाड़ी ह्यूनसु पार्क ने जीता. उन्होंने 7 मिनट और 12.86 सेकेंड का समय लिया.
मेडल सेरेमनी के बाद स्ट्रेचर पर ले जाए गए
मैच के दौरान पदक विजेता दुष्यंत की तबीयत बिगड़ गई, उन्हें मेडल सेरेमनी के बाद स्ट्रेचर पर ले जाया गया. बताया जाता है कि दुष्यंत हाई ब्लड प्रेशर से परेशान थे, और पदक लेकर पोडियम से उतरने के बाद असहज महसूस कर रहे थे.