Asian Games 2023: तीरंदाजी में बुधवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए ज्योति सुरेखा वेन्नम और ओजस देवताले को जोड़ी ने देश को गोल्ड दिलाया. 2023 एशियन गेम्स में भारत का यह 16वां गोल्ड मेडल रहा. ज्योति और ओजस ने बुधवार को तीरंदाजी के कंपाउंड मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में दक्षिण कोरिया की जोड़ी के खिलाफ सिर्फ एक अंक गंवाया और एशियाई खेलों की तीरंदाजी स्पर्धा में दूसरा गोल्ड मडेल जीता. 


तीरंदाजी के कंपाउंड मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में भारतीय जोड़ी ने बेहद रोमांचक और करीबी मुकाबले में जो चेइवोन और जू जेइहून की जोड़ी को 159-158 से हराया. भारतीय जोड़ी ने इससे पहले सेमीफाइनल में आदेल झेशेनबिनोवा और आंद्रे त्युत्युन की कजाखस्तान जोड़ी के खिलाफ एक बार नौ अंक को छोड़कर हर बार 10 अंक जुटाए और 159-154 से जीत दर्ज करते हुए खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया.


फाइनल में भारतीय जोड़ी ने रचा इतिहास, सटीक निशाने पर लगाए 16 में से 15 तीर 


खास बात यह रही कि भारतीय जोड़ी ने फाइनल में 16 में से 15 तीन सटीक निशाने पर लगाए. भारत के लिए ज्योति सुरेखा ने शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने अपने सभी आठ प्रयासों में सटीक निशाने पर तीर लगाए और पूरे 80 अंक हासिल किए. हालांकि, तेजस एक प्रयास में 9 अंक ही हासिल कर पाए थे. हालांकि, बाकी सात प्रयासों में तेजस ने पूरे अंक हासिल किए. उन्होंने अपने आठ प्रयासों में 79 अंक हासिल किए.


ज्योति और देवताले ने क्वार्टरफाइनल में मलेशिया की जोड़ी को 158-155 से हराकर सेमीफाइनल में जगह सुनिश्चित की थी. कजाखस्तान की चौथी वरीय जोड़ी ने क्वार्टरफाइनल में थाईलैंड को 154-152 से हराया था.


क्वार्टरफाइनल में भारतीय जोड़ी ने ठोस शुरुआत करते हुए 40-39 की बढ़त बनाई, लेकिन दूसरे चरण में भारत के दोनों खिलाड़ियों ने दो अंक गंवाए जिससे मोहम्मद जुवैदी बिन माजुकी और फातिन नूरफतेहाह मेट सालेह की मलेशिया की जोड़ी बराबरी हासिल करने में सफल रही.


गत सीनियर विश्व चैंपियन देवताले बेहद मामूली अंतर से 10 अंक से चूक गए, जिससे टीम की सीनियर साथी ज्योति पर दबाव आया गया. विश्व कप में कई बार की स्वर्ण पदक विजेता ज्योति भी इसके बाद चूक गईं, जिससे भारतीय जोड़ी ने दूसरा चरण 38-39 से गंवाया. भारतीय जोड़ी ने हालांकि शानदार जज्बा दिखाते हुए तीसरे चरण में सभी तीर 10 अंक पर लगाए. मोहम्मद जुवैदी ने दिन का अपना पहला अंक गंवाया जिससे भारत ने 118-117 से बढ़त बना ली.


निर्णायक चौथे चरण में मलेशिया के तीरंदाजों को पहले मौका मिला और उन्होंने लगातार दो बार 10 अंक जुटाए. भारतीय जोड़ी ने भी दबाव के बाद दोनों निशाने 10 अंक पर लगाए. ज्योति का 10 अंक का निशाना इसके बाद निर्णायक साबित हुआ जब 32 साल की फातिन आठ अंक ही जुटा सकी और मलेशिया की जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा.