भारत के लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने सवाल उठाया है कि हर स्तर पर विकेट लेने के बावजूद उन्हें राष्ट्रीय टीम से बाहर क्यों रखा गया है. मिश्रा ने रणजी ट्रॉफी में हरियाणा और आईपीएल में देश के सबसे बेस्ट लेग स्पिनरों में से एक के रूप अपना फॉर्म अभी भी जारी रखा है. लेकिन फरवरी 2017 में इंग्लैंड की टी 20 सीरीज़ सीरीज़ में चोटिल होने के बाद से वह भारत के लिए नहीं खेले हैं.
मिश्रा ने एक यूट्यूब इंटरव्यू में कहा कि, “मैं अभी भी अपने आप से पूछता हूं कि मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ. कोई भी मुझे संतोषजनक जवाब देने में सक्षम नहीं है. टीम में यह नियम था कि अगर किसी को चोट लगने से टीम से बाहर किया जाता है, तो वह टीम में वापस आ जाएगा. डेढ़ साल की चोट के बाद रिद्धिमान साहा ने वापसी की. मुझे नहीं पता कि मेरे साथ ऐसा क्यों नहीं हुआ, ”
मिश्रा ने आगे कहा कि जब मेरा फॉर्म भी अच्छा होता था तो तलवार अंत में मुझपर ही गिरती थी. चोट से उभरते के बाद आज तक सेलेक्टर्स या टीम मैनेजमेंट ने मुझसे बात नहीं की.
उन्होंने कहा कि कप्तान विराट कोहली से आश्वासन मिला था कि वह उनके बारे में राष्ट्रीय चयनकर्ताओं से बात करेंगे, मिश्रा ने कहा, "मैंने भारत के लिए हर अवसर पर प्रदर्शन किया है, यहां तक कि सबसे कठिन परिस्थितियों में भी गेंद फेंका."
मिश्रा ने कहा कि उनकी आखिरी इच्छा भारत के लिए एक आखिरी बार खेलना है, खासकर टी20 फॉर्मेट में, क्योंकि उनका अंतरराष्ट्रीय करियर अचानक से ही खत्म हो गया था. मुझे चोट के कारण मेरे प्रदर्शन के चरम पर टीम से निकाल दिया गया. मिश्रा ने कहा कि जैसे धोनी को गांगुली ने सपोर्ट किया था अगर उन्हें भी कोई ऐसा करता तो वो और 70 से 80 टेस्ट मैच खेल सकते थे.