नई दिल्ली: 2 अप्रैल 2011 को टीम इंडिया और क्रिकेट फैंस कभी नहीं भूल सकते. कारण है भारतीय क्रिकेट टीम ने 28 साल बाद क्रिकेट वर्ल्ड कप पर कब्जा किया था. हाल ही में इस फाइनल मैच के 9 साल पूरे हुए. ऐसे में उस फाइनल मैच के दिन कुछ ऐसा भी हुआ थी जिसकी बदौलत टीम इंडिया वर्ल्ड कप अपने नाम कर पाई. जी हां हम बात कर रहे हैं धोनी की धमाकेदार पारी. इस बीच लेजेंड्री सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि साल 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में उन्होंने ने ही कप्तान एमएस धोनी को ऊपर जाकर यानी की पांचवे नंबर पर जाकर बल्लेबाजी करने के लिए कहा था जिससे गंभीर के साथ लेफ्ट- राइट का कॉम्बिनेशन रह सके.


2011 के विश्व कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ पांचवें नंबर पर बल्लेबाज के लिए शानदार फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह को उतरना था. लेकिन सचिन को लगा कि श्रीलंका के पास दो शानदार क्वालीटी के स्पिनर हैं और उनके खिलाफ रन बनाने के लिए लेफ्ट राइट संयोजन का होना जरूरी है, इसलिए युवराज की जगह धोनी को ऊपर भेजने का फैसला किया गया.


सचिन ने टाइम्स आफ इंडिया से कहा, " गौतम शानदार बल्लेबाजी कर रहे थो. उनके साथ धोनी जैसा बल्लेबाज ही लगातार स्ट्राइक बदल सकता था. उन्होंने कहा, " तभी मैंने वीरू (वीरेंद्र सहवाग) से संदेशा भिजवाया. मैंने वीरू से कहा कि तुम ओवर के बीच में जाकर सिर्फ ये बात बाहर जाकर धोनी को बोल देना और अगला ओवर शुरू होने से पहले वापस आ जाना. मैं यहां से नहीं हिलने वाला."


सचिन ने कहा, " जैसा मैंने कहा था, वीरू ने वैसा ही किया. इसके बाद धोनी ड्रेसिंग रूम में लौट गए. यहां उन्होंने कोच गैरी कस्र्टन से इस रणनीति पर बात की. हमारे (सचिन-वीरू) आउट होने के बाद गैरी और धोनी समेत हम चारों ने मिलकर इस पर चर्चा की. गैरी को अटैकिंग के लिए लेफ्ट-राइट की रणनीति बेहतरीन लगी. धोनी भी इस पर राजी भी हो गए और पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए."


धोनी के पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आना भारत के लिए सही रहा. उन्होंने नाबाद 91 रन की पारी खेलकर भारत को विश्व कप जिताने में अहम योगदान दिया. इसमें गंभीर का भी अहम योगदान रहा और उन्होंने भी 97 रनों की मैच जिताउ पारी खेली थी. श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए छह विकेट पर 274 रन का स्कोर बनाया था, जिसे भारत ने चार विकेट खोकर हासिल कर लिया था.