विश्व चैंपियन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने सोशल मीडिया पर ‘ मैं संन्यास ले रही हूं’ लिख कर सनसनी फैला दी लेकिन उन्होंने लंबे बयान में स्पष्ट किया कि वह वास्तव में कोविड-19 महामारी के कारण फैली ‘नकारात्मकता, डर और अनिश्चितता’ से संन्यास ले रही है.


ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली यह खिलाड़ी फिलहाल लंदन स्थित गेटोरेड स्पोर्ट्स साइंस इंस्टीट्यूट में अपने पोषण और फिटनेस की जरूरतों पर काम कर रही है. उन्होंने अपने पोस्ट में की शुरुआत मे लिखा ‘डेनमार्क ओपन आखिरी कड़ी थी. मैं संन्यास ले रही हूं.’


सिंधू ने लिखा, ‘‘मैं आज आपको लिख रहा हूं कि मेरा सफर अभी पूरा नहीं हुआ है. डेनमार्क ओपन में भारत का प्रतिनिधित्व करना इस मामले में आखिरी कड़ी रहा.’’







सिंधू ने कहा, ‘‘ मैं आज के दौर की अशांति से संन्यास ले रही हूं, मैं नकारात्मकता , डर और अनिश्चितता से संन्यास ले रही हूं. मैं उस अज्ञात चीज से संन्यास ले रही हूं जिस पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘ सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं स्वच्छता मानकों के खराब स्तर और वायरस के प्रति हमारे अभावपूर्ण रवैये से संन्यास लेना चाहती हूं. ’’


मार्च में ऑल इंग्लैंड के रूप में अपना पिछला टूर्नामेंट खेलने वाली यह स्टार खिलाड़ी जनवरी में विश्व टूर के एशिया चरण से वापसी की योजना बना रही है.


उन्होंने कहा, ‘‘यह महामारी मेरे लिए आंखें खोलने वाली रही. मैं विरोधी खिलाड़ियों को चुनौती पेश करने के लिए कड़ी मेहनत कर सकती हूं, पूरे दमखम के साथ आखिरी शॉट तक पूरा जोर लगा सकती हूं. मैं पहले भी ऐसा कर चुकी हूं, मैं दोबारा भी ऐसा कर सकती हूं.’’


उन्होंने लिखा, ‘‘मगर मैं कैसे इस न दिखने वाले वायरस को कैसे हराऊं, जिसने पूरी दुनिया को प्रभावित किया हैं? हम कई महीनों से घर में है और हर बार बाहर जाने के लिए हम अपने आप से ही सवाल करते हैं.’’


सिंधू ने बताया कि उन्होंने इस पोस्ट की शुरूआत ‘मै संन्यास ले रही हूं’ से इसलिये किया ताकि इस खतरनाक वायरस कर सामना कर रहे अधिक लोगों तक उनकी बात पहुंचे.


उन्होंने पोस्ट की शुरूआत में लिखा, ‘‘ मैंने आपकी धड़कनों को बढ़ाया होगा, अभूतपूर्व समय के लिए अभूतपूर्व उपायों की आवश्यकता होती है. मुझे लगता है कि मुझे आप लोगों को मेरी बातों पर विचार करने की जरूरत है.’’


उन्होंने वापसी की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, ‘‘ हमें यह उम्मीद करनी चाहिये कि सुरंग की दूसरी तरफ उजाला है. मैं डेनमार्क ओपन में भाग नहीं ले सकी, लेकिन मुझे प्रशिक्षण से नहीं रोका जा सकता. जब मुश्किल घड़ी आती है तो दोगुनी मेहनत से वापसी करनी चाहिये.’’


उन्होंने कहा, ‘‘ मैं एशिया ओपन में खेलूंगी. मैं चुनौती पेश किये बिन हार नहीं मानूंगी. मैंने इस डर पर विजय प्राप्त किए बिना हार नहीं मानूंगी. और जब तब दुनिया सुरक्षित नहीं है तब तक ऐसा करती रहूंगी.’’