नई दिल्लीः भारत पहलवानों की धरती के तौर पर जाना जाता है. वहीं विश्व मंच पर पेशेवर पहलवानी के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूई की खास पहचान है. इस बार पेशेवर पहलवानों के सेलेक्शन के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूई भारत में कुछ मुकाबले कराने की तैयारी में है. वहीं मुंबई में होने जा रहे डब्ल्यूडब्ल्यूई इंडिया के मुकाबलों में भारत के सबसे सफल पहलवानों में एक जम्मू-कश्मीर के पहले पेशेवर पहलवान बादशाह खान अपना दमखम दिखाने की तैयारी में हैं.


पहलवानी के लिए पिता ने किया प्रेरित


बादशाह खान का जन्म जम्मू-कश्मीर के रामबन क्षेत्र में एक गांव में हुआ था. उनके पिता मोहम्मद सलीम बोहरू CRPF में एक सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं. बादशाह खान का कहना है कि उनके पिता ने पहलवानी के लिए उनकी रुची को काफी बढ़ाया. बादशाह खान के अनुसार वह द ग्रेट खली को अपना गुरू मानते हैं और उनका सपना डब्ल्यूडब्ल्यूई में लड़ना और विश्व चैंपियन बनना है.


मैच जीतने का 85% शानदार रिकॉर्ड


बता दें कि बादशाह खान का नाम भारत के शीर्ष पांच पहलवानों में आता है और वह दुनिया के नंबर एक पहलवान बनना चाहते हैं. इसी के साथ ही 105 किलो और 6.2 फुट के शानदार कदकाठी वाले इस पहलवान के पास लगभग 85% मैच जीतने का शानदार रिकॉर्ड है.


द ग्रेट खली के संस्थान में लिया प्रशिक्षण


बादशाह खान ने पेशेवर पहलवानी के अपना प्रशिक्षण द ग्रेट खली से लिया है. इसके लिए भी उन्होंने काफी मेहनत करके कई टेस्ट ट्रायल को पास कर द ग्रेट खली के पहलवानी की अकादमी में दाखिला पाया था. बता दें कि द ग्रेट खली की अकादमी विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के लगभग 100 लड़कों को प्रशिक्षित कर रही है.

कुश्ती को बढ़ावा दें देशवासी

बादशाह खान की पहलवानी को लेकर द ग्रेट खली का कहना है कि 'वह काफी एक्टिव और बेजोड़ पहलवान है. अखाड़े में बादशाह खान का मुकाबला करना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा. वहीं बादशाह खान को अपने घर की भी काफी याद आती रहती है. अगर उसे विश्व चैंपियन बनना है तो अपने होने वाले मैच पर फोकस करना होगा.' फिलहाल बादशाह खान ने अपने देश के लोगों से कुश्ती को बढ़ावा देने का आग्रह किया है.

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