बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे पहलवानों के आंदोलन में नया मोड़ आ गया है. अमित शाह के साथ मीटिंग के बाद ड्यूटी ज्वाइन करने को लेकर पहलवान सवालों के घेरे में आ गए थे. लेकिन अब पहलवानों की ओर से साफ कर दिया गया है कि वो आंदोलन के लिए नौकरी छोड़ने को तैयार हैं. बजरंग पुनिया का कहना है कि अगर न्याय की राह में नौकरी रुकावट बनती है तो वो उसे छोड़ने को तैयार हैं.


बजरंग पुनिया की ओर से यह भी साफ कर दिया गया है कि उनका आंदोलन पहले की तरह की जारी रहेगा. बजरंग पुनिया ने ट्वीट कर कहा, ''हमारे मेडलों को 15-15 रुपए के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गये हैं. हमारी ज़िंदगी दांव पर लगी हुई है, उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज़ है. अगर नौकरी इंसाफ़ के रास्ते में बाधा बनती दिखी तो उसको त्यागने में हम दस सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएँगे. नौकरी का डर मत दिखाइए.''


बजरंग पुनिया की ओर से इससे पहले आंदोलन खत्म होने की खबरों को झूठा करार दिया गया. उन्होंने कहा, ''आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफ़वाह हैं. ये खबरें हमें नुक़सान पहुँचाने के लिए फैलाई जा रही हैं. हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है. महिला पहलवानों की एफ़आईआर उठाने की खबर भी झूठी है. इंसाफ़ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी.''


विनेश और साक्षी ने भी दिए जवाब


दरअसल, आंदोलन खत्म होने की खबरें उस वक्त तेज हो गई जब यह जानकारी सामने आई कि पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. इसके बाद ऐसी जानकारी भी सामने आई कि सोमवार को आंदोलन कर रही पहलवान साक्षी मलिक रेलवे की अपनी ड्यूटी पर वापस लौटी हैं. 


साक्षी मलिक ने हालांकि यह साफ कर दिया कि ड्यूटी ज्वाइन करने का मतलब यह नहीं है कि उन्होंने आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है. विनेश फोगाट ने भी साफ कर दिया है कि वो आंदोलन का हिस्सा बनी हुई हैं और उनकी लड़ाई न्याय मिलने तक जारी रहेगी.