महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर के नाम की सिफारिश ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के लिए की गई है.
प्रशासकों की समिति के प्रमुख विनोद राय ने द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए द्रविड़ के नामांकन की पुष्टि की है.
राय ने कहा, ‘‘हां, हमने विभिन्न वर्गों में सरकार को कई नामांकन भेजे हैं. राहुल द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए बीसीसीआई द्वारा नामित है.’’
इस साल द्रविड़ के मार्गदर्शन में अंडर 19 टीम ने विश्व कप जीता जिसके कारण उनके नाम की सिफारिश इस पुरस्कार के लिए की गई है. उनके मार्गदर्शन में 2016 में भी टीम फाइनल में पहुंची थी. वह भारत ए टीम के भी कोच हैं और जूनियर तथा सीनियर क्रिकेट के बीच सेतु का काम कर रहे हैं.
बीसीसीआई ने द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नामांकन भेजना बंद कर दिया था क्योंकि कभी-कभी कई कोच खिलाड़ी की सफलता का श्रेय लेने आगे आ जाते थे.
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसा तब हुआ जब भारत के एक पूर्व सलामी बल्लेबाज ने दो नामांकन पर हस्ताक्षर किए जहां कोचों ने दावा किया कि खिलाड़ी ने उनके मार्गदर्शन में काम किया है. इसके बाद से हमने नामांकन भेजना बंद कर दिया.’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘हालांकि जब राजकुमार शर्मा (कोहली के कोच) को द्रोणाचार्य पुरस्कार मिला तो यह निजी नामांकन था. वह बीसीसीआई द्वारा नामित नहीं थे. राहुल के दर्जे वाले व्यक्ति के लिए हालांकि हमने इस नीति से हटने का फैसला किया.’’
कोहली का नाम 2016 में भी भेजा गया था लेकिन तब रियो ओलंपिक की तीन स्टार खिलाड़ियों पीवी सिंधू, साक्षी मलिक और दीपा करमाकर को यह पुरस्कार मिला.
जहां तक गावस्कर का सवाल है तो भारतीय क्रिकेट में एक खिलाड़ी के रूप में उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता.
सामान्य तौर पर ध्यानचंद पुरस्कार उन्हें दिया जाता है जिन्हें अपने खेलने के दौरान अर्जुन पुरस्कार नहीं मिला हो. गावस्कर को हालांकि अर्जुन पुरस्कार मिला है.