सौजन्य: BCCI

नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज अब राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार पाने की दौड़ से बाहर हो गईं हैं, क्योंकि बीसीसीआई मिताली का नाम खेल मंत्रालय को समय से भेजने में चूक कर गया है. 

आपको बता दें कि महिला वर्ल्ड कप में टीम इंडिया और मिताली के शानदार प्रदर्शन के बाद, मिताली राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार पाने की हकदार हो गई थीं. लेकिन बीसीसीआई की देरी की वजह से मिताली को खेल रत्न मिलने की संभावना अब कम हो गई है. दरअसल खेल रत्न के लिए बीसीसीआई को भारत सरकार के खेल मंत्रालय के पास खिलाड़ियों की सूची भेजनी होती है. इसके लिए बीसीसीआई पूरे क्रिकेट सीजन में उम्दा प्रदर्शन करने वालों खिलाड़ियों की एक सूची खेल मंत्रालय के पास भेजता है.

लेकिन अभी टीम इंडिया की सबसे सफल कप्तान मिताली राज के पास इस अवार्ड को पाने का एक मौका है. अगर खेल मंत्रालय इस मामले में हस्तक्षेप करे, तो अभी भी मिताली को खेल रत्न मिलने की संभावना है. अब यह देखना होगा कि क्या, खेल मंत्रालय या खेल मंत्री विजय गोयल इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हैं या नहीं.

गौरतलब है कि रिटायर्ड जस्टिस सीके ठक्कर की अध्यक्षता में बारह लोगों की एक कमेटी बनी है. जो यह निर्णय लेगी कि किन-किन लोगों को इस साल खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड दिया जाएगा. बता दें कि इन बारह लोगों की कमेटी में भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और भारत की पूर्व दिग्गज एथलीट पीटी उषा भी शामिल हैं.

मिताली का वर्ल्ड कप में धमाकेदार प्रदर्शन:

आपको बता दें कि मिताली की अगुवाई में भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड में खेले गए महिला वर्ल्ड कप में उम्दा प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया था. वहीं टीम, इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मुकाबला महज 9 रन से हार गई थी. बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब मिताली की अगुवाई में टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया है, दरअसल इससे पहले भी इंडियन वुमेंस टीम साल 2005 के वर्ल्ड कप में फाइनल तक पहुंची थी.

मिताली के नाम कई कीर्तिमान:

34 साल की मिताली ने महिला क्रिकेट में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. मिताली राज अकेली ऐसी भारतीय कप्तान हैं, जिन्होंने दो वर्ल्ड कप फाइनल में टीम का नेतृत्व किया हो. बता दें कि इंडियन मेंस टीम के भी किसी कप्तान ने लगातार दो वर्ल्ड कप फाइनल में टीम का नेतृत्व नहीं किया है. धोनी साल 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में, तो कपिल देव साल 1983 के फाइनल में ही टीम की एक-एक बार अगुवाई कर चुके हैं. इसके अलावा मिताली विश्व महिला क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाली क्रिकेटर हैं. मिताली पहली और इकलौती ऐसी महिला क्रिकेटर हैं, जिन्होंने वनडे में छह हजार से ज्यादा रन बनाए हैं.

खेल रत्न पुरस्कार के बारे में जानिए:

खेल रत्न पुरस्कार का पूरा नाम राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार है. इस पुरस्कार को एक सीजन में किसी भी खेल में उम्दा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को दिया जाता है. यह पुरस्कार भारत सरकार के खेल मंत्रालय के अधीन आता है. इस पुरस्कार को पाने वाले खिलाड़ी को राष्ट्रपति के हाथों से एक मेडल और एक सर्टिफिकेट के साथ साढ़े सात लाख रुपए की राशि दी जाती है.