ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की बैठक में घरेलू फुटबॉल सीजन की ब्लू प्रिंट तैयार
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईफएफ) की कार्यकारी समिति ने बुधवार को आई-लीग 2020-21 सीजन से विदेशी खिलाड़ियों से संबंधति नए नियम को लागू करने का फैसला किया है. इस नए नियम के मुताबिक, प्रत्येक टीम में अंतिम-11 में तीन विदेशी और एक एशियाई खिलाड़ी को जगह मिलेगी.
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते घरेलू फुटबॉल सीजन की ''आई लीग'' को बीच मे ही बंद करना पड़ा था. ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने फिर से भारत मे फुटबॉल शुरू करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं. आज फुटबॉल फेडरेशन की एग्जीक्यूटिव कमिटी की मीटिंग में कई प्लान तैयार किए गए हैं. खेल मंत्रालय की अनुमति मिलने पर शिलांग में सितम्बर के महीने में एक फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा जिसमें देश के सारे बड़े फुटबॉल क्लब हिस्सा लेंगे.
अगले सीजन से आई लीग टूर्नामेंट में ज़्यादा टीमें खेलने वाली हैं. 2021 में आई लीग 12 टीमों के साथ खेला जाएगा. इस बार के विजेता टीम मोहन बागान आईएसएल में हिस्सा लेने वाली है, इसलिए आई लीग में खेलने के लिए एक नई टीम को मौका दिया जाएगा. लीग की सेकंड डिवीज़न में खेलने वाली किसी टीम को मोहन बागान की जगह खेलने का मौका दिया जाएगा.
अगले साल एक अलग नॉक-आउट टूर्नामेंट का भी आयोजन किया जाएगा. इसमें किसी भी एक टीम में 5 नहीं बल्कि 4 विदेशी फुटबॉलर को खेलने की इजाजत दी गयी है. ऐसे में एक विदेशी खिलाड़ी को एशियाई कोटा से होना आवश्यक है.
मोहन बागान के बाद देश के एक और बड़े क्लब ईस्ट बंगाल की टीम भी आईएसएल खेलने के लिए कोशिश कर रही है.
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