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जिस बेटी को नहीं दिया गया अर्जुन अवार्ड, उसी ने देश का सिर फख्र से किया ऊंचा
साल 2017 में संजीता चानू का नाम अर्जुन अवॉर्ड की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया था. संजीता इस बात काफी आहत हुई और इसके खिलाफ कोर्ट में भी पहुंच गई थीं.
गोल्ड कोस्ट: ऑस्ट्रेलिया में चल रहे 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन भारत की झोली में एक और गोल्ड आया है. ये गोल्ड वेटलिफ्टर संजीता चानू ने 53 किलोग्राम की कैटेगरी में हासिल किया है. महज 24 साल की संजीता चानू का ये कॉमनवेल्थ गेम्स में दूसरा गोल्ड मेडल है. इससे पहले संजीता ने 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी भारत को 48 किलोग्राम की कैटेगरी में गोल्ड मेडल दिलाया था.
संजीता चानू मणिपुर की रहने वाली हैं. 2014 में संजीता ने भारत को 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में पहला गोल्ड दिलाने वाली मीराबाई को हराकर ही हासिल किया था. संजीता ने 12वीं क्लास के बाद वेटलिफ्टिंग में रुचि लेना शुरू किया था.
दो बार कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को गोल्ड दिलाने वाली संजीता भारतीय रेलवे की कर्मचारी हैं. खेल के मैदान के बाहर संजीता का स्वभाव काफी शर्मिला है. 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में तो संजीता चानू ने नया रिकॉर्ड बनाया है. चानू ने स्नैच के पहले प्रयास में 81, दूसरे प्रयास में 83, तीसरे प्रयास में 84 किलोग्राम वजन उठाया. ये कॉमनवेल्थ गेम्स का इस कैटेगरी में नया रिकॉर्ड है.
साल 2017 में संजीता चानू का नाम अर्जुन अवॉर्ड की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया था. संजीता इस बात काफी आहत हुई और इसके खिलाफ कोर्ट में भी पहुंच गई थीं. लेकिन कोर्ट से भी संजीता के हाथ निराशा ही लगी थी.
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