CWG 2022: पिता ने दूध बेचकर बेटे को बनाया पहलवान, जानें दीपक पुनिया ने गोल्ड जीतने से पहले कितना किया संघर्ष
Deepak Punia CWG 2022: दीपक पुनिया के पिता ने उन्हें खेती के साथ-साथ दूध बेचकर अंतरराष्ट्रीय पहलवान बनाया है. दीपक ने गोल्ड जीतने से पहले काफी संघर्ष किया.
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Deepak Punia Gold Medal CWG 2022: इंग्लैंड के बर्मिंगम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन लगातार जारी है. कॉमनवेल्थ खेलों में कुश्ती के 86 किलोग्राम भार वर्ग में हरियाणा के झज्जर जिले के खिलाड़ी दीपक पुनिया ने स्वर्ण पदक हासिल कर देश का नाम रोशन किया है. दीपक पुनिया ने कुश्ती के मुकाबले में पाकिस्तान के पहलवान मोहम्मद इनाम को हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया है. दीपक पुनिया झज्जर जिले के छारा गांव के रहने वाले हैं. दीपक के पिता सुभाष एक साधारण किसान हैं. उन्होंने अपने बेटे को खेती के साथ-साथ दूध बेचकर अंतरराष्ट्रीय पहलवान बनाया है.
दीपक के पिता सुभाष पुनिया ने बताया कि उनका बेटा 5 साल की उम्र से ही अखाड़े में जाने लगा था. अब भी वह रोजाना चार से पांच घंटे अखाड़े में ही बिताता है. दीपक को घर का बना हुआ खाना बेहद पसंद है. काफी समय पहले दीपक की माता का स्वर्गवास हो गया था. दीपक के पिता ने ही उनकी माता और पिता होने की जिम्मेदारी बखूबी ढंग से निभाई है. पिता सुभाष का कहना है कि उनका बेटा ओलंपिक गेम्स में देश को पदक नहीं दिला सका था. इसका उन्हें मलाल है. लेकिन आगे आने वाले समय में दीपक ओलंपिक गेम्स में भी जरूर पदक हासिल करेगा. उन्हें अपने बेटे पर गर्व है.
गांव के पूर्व सरपंच जितेंद्र और अन्य ग्रामीणों ने भी खिलाड़ी दीपक पुनिया उनके पिता की मेहनत और तपस्या की तारीफ की है. ग्रामीणों का कहना है कि दीपक ने अथाह मेहनत के बलबूते कि यह मुकाम हासिल किया है. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को ग्रामीण परिवेश में इंडोर स्टेडियम और खिलाड़ियों को निखारने वाले कोच उपलब्ध करवाने चाहिए. ताकि और भी अच्छे खिलाड़ी निकल कर आ सकें. ग्रामीणों ने दीपक पुनिया के गांव छारा में सरकार से इंडोर स्टेडियम बनवाने की मांग की है.
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