Jeremy Lalrinnunga Profile: 10 साल की उम्र से शुरू कर दिया था अभ्यास, ऐसी है कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट की कहानी
Jeremy Lalrinnunga: जेरेमी लालरिनुंगा मिजोरम के रहने वाले हैं. उनके पिता राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर रह चुके हैं. वह भी पहले बॉक्सर बनना चाहते थे लेकिन धीरे-धीरे उनका रूझान वेटलिफ्टिंग की ओर बढ़ गया.
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Jeremy Lalrinnunga wins Gold at CWG 2022: जेरेमी लालरिनुंगा (Jeremy Lalrinnunga) ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games 2022) में भारत को दूसरा गोल्ड मेडल दिला दिया है. उन्होंने 67 किलोग्राम कैटगरी में 300kg वजन उठाकर स्वर्ण अपने नाम किया. वह सिल्वर मेडलिस्ट वाइपावा लोअने (293kg) से 7kg ज्यादा वजन उठाकर चैंपियन बने. जेरेमी के लिए सीनियर लेवल पर किसी बड़े खेल आयोजन में यह पहला गोल्ड मेडल है. उनकी यह उपलब्धि और खास इसलिए हो जाती है कि वह अभी मात्र 19 साल के हैं.
जी हां, जेरेमी महज 19 साल के हैं और कॉमनवेल्थ गेम्स में चैंपियन बन गए हैं. इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी सफलता का राज यह है कि इस खिलाड़ी ने महज 10 साल की उम्र से ही वजन उठाने का अभ्यास शुरू कर दिया था. वैसे जेरेमी बचपन में बॉक्सर बनना चाहते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनका रूझान वेटलिफ्टिंग में बढ़ने लगा और उन्होंने इसी में अपना करियर बनाने का फैसला ले लिये.
जेरेमी के पिता राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर थे. उन्होंने अपने बेटे को भी बॉक्सर बनाना चाहा. जेरेमी ने बेहद कम उम्र में ही बॉक्सिंग के दांव-पेंच सीखने शुरू कर दिए. उन्हें बॉक्सिंग में बड़ा मजा भी आता था लेकिन जब उनके गांव में वेटलिफ्टिंग अकेडमी खुली और वहां उन्होंने अपने दोस्तों को वजन उठाते देखा तो उनका लक्ष्य भी बदल गया. महज 10 साल की उम्र में ही जेरेमी ने वजन उठाने का अभ्यास शुरू कर दिया.
वेटलिफ्टिंग को लेकर जेरमी इतने ज्यादा समर्पित थे कि कम उम्र में ही उन्होंने एक के बाद एक कई कीर्तिमान रच दिए. साल 2016 में हुई वर्ल्ड यूथ चैम्पियनशिप में 56 किलोग्राम कैटेगरी में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता. 2017 की कॉमनवेल्थ वर्ल्ड जूनियर चैम्पियनशिप में भी उनके नाम सिल्वर मेडल दर्ज हुआ. 2018 में जूनियर एशियन चैम्पियनशिप में भी वह ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं. वह यूथ ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले भी पहले भारतीय हैं.
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