Commonwealth Games 2022 India Lawn Bowls: महेंद्र सिंह धोनी ने रांची को दुनिया भर में पहचान दिलाई लेकिन उसी शहर की लवली की ख्वाहिश बस देश में नाम कमाने की है. लवली राष्ट्रमंडल खेलों में लॉन बाउल्स में भारत को पहला पदक दिलाने वाली टीम की सदस्य है. महिला फोर्स सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराने के बाद लवली चौबे, रूपा रानी टिर्की, पिंकी और नयनमोनी सैकिया को यकीन ही नहीं हुआ कि उन्होंने इतिहास रच दिया है.


38 वर्ष की लवली झारखंड पुलिस में कॉन्स्टेबल है जबकि रूपा भी रांची से है और खेल विभाग में कार्यरत है. पिंकी दिल्ली में डीपीएस आरके पुरम में खेल शिक्षक है जबकि नयनमोनी असम में एक किसान परिवार से है और राज्य के वन विभाग में कार्यरत है.


तीसरी बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रही लवली ने कहा, ‘‘हमारे लिए यह ओलंपिक जितना बड़ा है क्योंकि लॉन बाउल्स ओलंपिक का हिस्सा नहीं है. हम चार साल पहले एक अंक से पदक से चूक गए थे लेकिन इस बार हम पूरी तैयारी से आये थे. उम्मीद है कि इस उपलब्धि से हमें पहचान मिलेगी.’’


लवली सौ मीटर की फर्राटा धाविका थी जबकि नयनमोनी भारोत्तोलक थी. दोनों को चोट के कारण लॉन बाउल्स में आना पड़ा. लवली ने कहा कि लॉन बाउल्स के लिए हरा मैदान और गेंद चाहिए लेकिन गेंद भारत में नहीं बनती बल्कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से आयात होती है. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके पदक के बाद हालात बदलेंगे.


रांची में अभ्यास के दौरान धोनी भी कभी कभार मैदान पर आते हैं और लवली का कहना है कि उन्हें लॉन बाउल्स के बारे में काफी जानकारी है. उन्होंने कहा, ‘‘धोनी सर रांची में हमारे कोच को जानते हैं और दो बार मैदान पर भी आये हैं. जब वह देवरी माता के मंदिर जाते हैं तो हमारे मैदान पर भी आते हैं. उन्होंने कहा था कि जब वह ऑस्ट्रेलिया जाते हैं तो लॉन बाउल्स खेलते हैं.’’


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