नई दिल्ली: कॉमनवेल्थ गेम शुरू होने में बस दो दिन का समय बाकी है. 21वां कॉमनवेल्थ गेम ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित होने जा रहा है. ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली देश की नंबर वन शटलर पीवी सिंधु भारतीय दल की अगुवाई करेगी. भारत के करोड़ों खेल प्रेमी एक बार फिर भारतीय खिलाड़ियों से पदक की उम्मीद लगाए होंगे. भारत ने इस बार कुल 15 इवेंट में 220 खिलाड़ियों का दल भेजा है.
एक नजर उन खिलाड़ियों पर जो गोल्ड कोस्ट में लहरा सकते हैं तिरंगा-
शूटिंग: राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी में भारत पदकों के मामले में दूसरे स्थान पर है. एक बार फिर निशानेबाजी रेंज से भारत की झोली भरने की उम्मीद है. निशानेबाजी में भारत की दमदार पदक उम्मीदें हैं -
हीना सिद्धू :- पंजाब की यह पिस्टल निशानेबाज शानदार फॉर्म में है जिसने कुछ महीने पहले राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में तीन गोल्ड जीते थे. वह महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल में मेडल जीतने उतरेंगी.
मनु भाकर :- सोलह साल की उम्र में ही मनु ने अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है. मनु ने कुछ सप्ताह पहले सीनियर विश्व कप में डेब्यू करते ही दो गोल्ड झटक लिए. उसने जूनियर विश्व कप में इस प्रदर्शन को दोहराया. अब 10 मीटर एयर पिस्टल में हीना के साथ उतरेगी.
जीतू राय : सेना का यह निशानेबाज 50 मीटर एयर पिस्टल में लगातार दूसरा गोल्ड जीतना चाहेंगे. जीतू 10 मीटर एयर पिस्टल में भी चुनौती पेश करेंगे और गोल्ड कोस्ट में मेडल जीतकर रियो ओलंपिक 2016 की नाकामी के गम को दूर करना चाहेंगे.
एथलेटिक्स :- भारत ने 2014 कॉमनवेल्थ गेम में एथलेटिक्स् में एक गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
नीरज चोपड़ा : बीस साल का यह खिलाड़ी जेवलिन थ्रो इवेंट में अपेक्षाओं का भारी बोझ लेकर उतरेगा. लंदन में कुछ महीने पहले सीनियर विश्व चैम्पियनशिप में वह फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके थे. पिछले साल एशियाई चैम्पियनशिप में मिला गोल्ड अभी तक उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है.
सीमा पूनिया : ग्लास्गो में सिल्वर मेडल जीतने वाली डिस्कस थ्रो खिलाड़ी सीमा की नजरें पीले तमगे पर होंगी. उन्होंने पिछले महीने फेडरेशन कप में 61.05 मीटर का रिकॉर्ड बनाया था. अब देखना यह है कि एशियाई खेलों की चैम्पियन सीमा क्या पिछली बार गोल्ड जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया की डैनी स्टीवेंस को पछाड़ सकेंगी.
तेजस्विन शंकर : उन्नीस साल के हाई जंपर ने फेड कप में अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड बेहतर करके उम्मीदें जगाई हैं.
बैडमिंटन : ग्लास्गो में भारत ने बैडमिंटन में चार मेडल जीते और पारूपल्ली कश्यप ने 32 साल बार मेन्स सिंगल में गोल्ड अपने नाम किया था. इस बार सितारों से सजे भारतीय दल से काफी उम्मीदें होंगी.
पी वी सिंधू :- ओलंपिक सिल्वर मेडल विजेता सिंधु के कंधों पर मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद होगी. उन्होंने पिछली बार ब्राॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. बेहतरीन फॉर्म को बरकरा रखते हुए यकीनन इस बार वो मेडल का रंग बदलना चाहेंगी.
साइना नेहवाल :- करियर के लिए खतरा बनी घुटने की चोट से उबरकर वापसी कर रही 2010 की गोल्ड मेडल विजेता साइना यदि फिटनेस बरकरार रख पाती है तो मेडल की उम्मीद कोई बेइानी नहीं है. पिछली बार चोटों के कारण वह इन खेलों से बाहर रहीं थीं.
किदाम्बी श्रीकांत : चोटिल कश्यप की गैर मौजूदगी में भारत को मेन्स सिंगल मेडल दिलाने का दारोमदार श्रीकांत पर होगा. वह 2014 खेलों में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे लेकिन पिछले साल चार सुपर सीरिज खिताब जीत कर उन्होंने इरादे जता दिए हैं.
मुक्केबाजी :- पिछली बार भारतीय मुक्केबाजों में से कोई गोल्ड नहीं जीत सका था लेकिन इस बार भारत का दमदार दल इस कमी को पूरा कर सकता है.
एम सी मेरीकोम : पैतीस साल की मेरीकाम पहली बार इन खेलों में भाग लेंगी. पांच बार की विश्व चैम्पियन और ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता मेरीकाम 48 किलो में गोल्ड की दावेदार हैं. वह अपने पहले और आखिरी कॉमनवेल्थ खेलों को यादगार बनाना चाहेंगी.
विकास कृष्णन : भारत के चार विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेताओं में से एक विकास ने बुल्गारिया में स्ट्रांजा स्मृति टूर्नामेंट में गोल्ड जीता था. मेरीकाम की तरह उनका भी यह इन खेलों में डेब्यू होगा. वह 75 किलो वर्ग में मेडल के प्रबल दावेदारों में से एक हैं.
अमित फांगल : एशियाई चैम्पियनशिप के ब्रॉऩ्ज मेडल विजेता अमित ने भी स्ट्रांजा टूर्नामेंट में गोल्ड जीता था. पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे अमित पदक के दावेदारों में से है.
कुश्ती :- कुश्ती में भारत राष्ट्रमंडल खेलों की मेडल सूची में भारत दूसरे स्थान पर हैं और इस बार भी पहलवानों से काफी पदकों की उम्मीद होगी.
सुशील कुमार : पिछले खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सुशील ने विवादों से भरे दो साल के बाद वापसी की है. वह पुरूषों के 74 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में एक और गोल्ड जीतना चाहेंगे.
साक्षी मलिक : रियो ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता साक्षी ने ग्लास्गो में सिल्वर मेडल जीता था. वह 62 किलो फ्रीस्टाइल में मेडल की दावेदार होंगी.
विनेश फोगाट : ग्लास्गो की गोल्ड मेडल विजेता विजेता विनेश रियो ओलंपिक के दौरान चोटिल हो गई लेकिन एशियाई चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीता.
वेटलिफ्टिंग :- विश्व चैम्पियन मीराबाई चानू ( 48 किलो ) के नाम राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड है. उनसे एक बार फिर गोल्ड की उम्मीद होंगी.