नई दिल्ली: भारत के पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर आज अपना 57वां जन्मदिन मना रहे हैं. ये जन्मदिन उनका काफी अलग है क्योंकि देश में जहां पहले 21 दिनों का लॉकडाउन था तो वहीं अब इसे बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है. मनोज ने उत्तराखंड के अपने फॉर्म हाउस में आज तक अपने परिवार के साथ एक महीने नहीं गुजारे हैं. ऐसे में कोरोना ने प्रभाकर की जिंदगी पर गहरा दबाव बनाया है.


कोरोना का प्रकोप एक तरह जहां सभी खेलों पर पड़ा है तो वहीं एक्स क्रिकेटर और कोच मनोज प्रभाकर की मल्टी नेशनल ब्यूटी प्रोडक्ट्स की चेन भी इसका नुकसान झेल रही है. मनोज ने कहा कि सभी की तरह उन्हें भी कोरोना के कारण भारी नुकसान हो रहा है क्योंक इस दौरान न तो कोई ग्राहक मिल रहा है और न ही डीलर.


मनोज ने कहा कि जब आप अपनी जिंदगी के लिए अपना चेहरा अपने हाथों से छुपा रहें हैं तो आप समझ सकते हैं कि जिंदगी कितनी मुश्किल बीत रही है. उन्होंने कहा कि मुझे सबसे ज्यादा चिंता मेरी फैक्ट्री में काम करने वाले वर्कर्स के लिए है. मैं उनके लिए अपनी हर संभव कोशिश कर रहा हूं. लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा मैं ऐसा कब तक करता रहूंगा.


हालांकि प्रभाकर को इससे भी बड़ी चिंता ये सता रही है कि वो कुछ ही सालों में 60 साल के हो जाएंगे और ऐसे में बीसीसीआई नियम के अनुसार उनके लिए कोचिंग का भी चांस मिस हो जाएगा. उनका मानना है कि वो युवा बल्लेबाजों को काफी कुछ सिखाना चाहते हैं खासकर गेंदबाजी में.


भारतीय गेंदबाजी को लेकर उन्होंने कहा कि फिलहाल टीम में बेहतरीन गेंदबाज हैं और अभी की गेंदबाजी लाइनअप दुनिया की सबसे बेहतरीन गेंदबाजी लाइनअप में से एक हैं. अगर हम ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका या इंग्लैंड से तुलना करते हैं तो हमारे गेंदबाज बेस्ट दिखते हैं. ऐसे में हमें डोमेस्टिक लेवल पर भी काम करना चाहिए और फ्रेश टैलेंट्स को निखारना चाहिए.


अफगानिस्तान और दिल्ली के पूर्व कोच ने कहा कि वो किसी भी राज्य से कोचिंग के बुलावे का इंतजार कर रहे हैं. ऐसा पैसे के लिए नहीं है बल्कि उन्हें क्रिकेट से प्यार है और इसके लिए करना चाहते हैं. प्रभाकर की कोचिंग में दिल्ली की टीम साल 2008 में रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी तो वहीं अफगानिस्तान की टीम को प्रभाकर ने ही वर्ल्ड कप में पुहंचाया.


प्रभाकर ने आगे कहा कि कोरोना के संकट के बीच आईपीएल की शुरूआत कब होगी इसपर कुछ नहीं कहा जा सकता. लेकिन मैं चाहता हूं कि क्रिकेट जल्द शुरू हो. मुझे याद है कि मेरे जवानी के दिनों में ऐसा कुछ नहीं हुआ था कि हमने क्रिकेट से इतना बड़ा ब्रेक लिया था. मतलब मेरा कहना ये है कि अभी ऐसी स्थिति है कि आप घर से बाहर निकलकर नेट्स में भी प्रैक्टिस नहीं कर सकते. ऐसे में क्रिकेट एक बार फिर से जब चालू होगा तो बल्लेबाज और गेंदबाजों को थोड़ी बहुत दिक्कत जरूर होगी.


प्रभाकर को अभी भी उम्मीद है कि उन्हें बीसीसीआई की तरफ से बुलावा आएगा या स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन उन्हें कोचिंग के लिए बुलाएंगे. ऐसे में प्रभाकर को पूरी उम्मीद है कि आनेवाला क्रिकेट सीजन उनके लिए कुछ अच्छा लेकर आएगा.