नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कल खेले गए महिला टी20 वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 85 रनों से हराकर 5वीं बार वर्ल्ड कप खिताब पर कब्जा कर लिया. इस दौरान भारतीय टीम हर मामले में ऑस्ट्रेलिया से पीछे रही. चाहे गेंदबाजी की बात करें या बल्लेबाजी या फिर फील्डिंग. महिला टीम कल किसी मामले में भी कमाल नहीं कर पाई. टीम की कप्तान ने भी पोस्ट मैच के बाद कहा कि हमसे कुछ गलतियां हुई जिसकी वजह से हमें हार मिली.


टीम की सबसे बेहतरीन ओपनर शेफाली वर्मा पूरे टूर्नामेंट में चलीं लेकिन फाइनल मुकाबले में वो 2 रन बनाकर आउट हो गई. ऐसे में टीम इंडिया पर और दबाव आ गया जिसे न तो मंधाना और न ही कप्तान हरमनप्रीत झेल पाई और पूरी टीम 99 रनों पर ऑल आउट हो गई. हार के बाद टीम की तेज गेंदबाज शिखा पांडे ने कहा है कि उनकी टीम ने हर डिपार्टमेंट में गलती की जिससे उन्हें हार मिली.


शिखा ने कहा कि, ''टी-20 विश्व कप फाइनल में उनकी टीम केवल फील्डिंग में ही नहीं बल्कि हर विभाग में ऑस्ट्रेलिया से कमतर साबित हुई. हम नर्वस नहीं थे. एक बार मैदान पर उतरने के बाद सहज हो जाते हैं. मुझे नहीं लगता है कि मुझे नर्वसनेस महसूस हुआ."


उन्होंने कहा, "शुरुआत में ही अगर आप बल्लेबाजों को इस तरह मौके देंगे तो वे इसका इस्तेमाल करके आप पर दबाव बनाएंगे ही. इसका हमें खामियाजा भुगतना पड़ा. हमें केवल फील्डिंग में ही बल्कि तीनों ही विभागों में अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए था."


इस बीच, स्मृमि मंधाना ने कहा कि फाइनल में हार के बावजूद शेफाली वर्मा को अपने प्रदर्शन पर गर्व होना चाहिए. मंधाना ने कहा, "जब हम पदक हासिल कर रहे थे तब मैं और शेफाली एक साथ खड़े थे. वह रो रही थी. मैंने उसे कहा कि उन्हें अपने प्रदर्शन पर गर्व करना चाहिए. 16 साल की उम्र में जब मैं अपना पहला विश्व कप खेली थी तब मैं शेफाली की तुलना में 20 प्रतिशत गेंद को भी हिट नहीं कर पाती थी."


मंधाना ने कहा, "वह जिस तरह से आउट हुई, उससे वह बहुत निराश थी. वह अभी भी सोच रही है कि वह कैसे बेहतर हो सकती है. मैं केवल यही कह सकती हूं कि उन्हें अकेला छोड़ देना चाहिए."