ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन भले ही खास न हो, लेकिन इसके बावजूद देश में इनके आयोजन का सपना आईओए और खेल मंत्रालय लगातार देखता रहा है. फिलहाल 2024 और 2028 में होने वाले ओलंपिक की मेजबानी पहले से तय है. 2024 में पेरिस (फ्रांस) और 2028 में सेन फ्रांसिस्को (अमेरिका) को खेलों की मेजबानी मिली है.
यूथ ओलंपिक और ओलंपिक के लिए दावेदारी
आईओए के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने न्यूज एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा कि कोरोनावायरस के कारण बने हालात सुधरने के बाद एसोसिएशन ओलंपिक मेजबानी हासिल करने के लिए प्रयास तेज करेगी. उन्होंने कहा, “हम इसे लेकर गंभीर हैं और निश्चित तौर पर 2026 यूथ ओलंपिक और 2032 ओलंपिक के लिए दावेदारी रखेंगे.”
भारत में आखिरी बार सबसे बड़ा स्पोर्ट्स इवेंट 10 साल पहले हुआ था. 2010 में आईओए ने नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ खेलों की मेजबानी की थी. उस साल कॉमनवेल्थ खेलों में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था और दूसरे स्थान पर रहा था.
आईओए ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी (आईओसी) को पहले ही इन आयोजनों के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट भेज दिया है. हालांकि भारत की राह इतनी आसान नहीं होने वाली.
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2026 यूथ ओलंपिक के लिए भारत को संभवतः रूस, कोलंबिया और थाईलैंड से टक्कर मिल सकती है, जबकि 2032 के लिए ऑस्ट्रेलिया का क्वींसलैंड, चीन में शंघाई और दक्षिण कोरिया-उत्तर कोरिया संयुक्त तौर पर मेजबानी का दावा कर सकते हैं.
बत्रा ने साथ ही बताया कि मेजबानी के लिए दावेदारी से जुड़ी कागजी कार्रवाई शुरू तो हो चुकी है, लेकिन कोरोनावायरस के कारण बने मौजूदा हालातों के कारण फिलहाल सब कुछ रुका हुआ है.
कॉमनवेल्थ के आयोजन से मिली सीख
बत्रा ने साथ ही कहा कि आईओए कॉमनवेल्थ खेलों के आयोजन के अनुभव से काफी कुछ सीख चुका है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सबक ये था कि भारत ओलंपिक या अन्य किसी भी बड़े खेल के आयोजन में सक्षम है.
कोरोनावायरस के कारण इस साल टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों को एक साल के लिए टाल दिया गया. अब इनका आयोजन जुलाई-अगस्त 2021 में होगा. बत्रा ने उम्मीद जताई कि जब भी ओलंपिक का आयोजन होगा तो भारत कम से कम 10 मेडल जरूर जीतेगा.
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