आज ही के दिन (25 जून), 36 साल पहले, भारतीय क्रिकेट टीम ने लॉर्ड्स मैदान पर विश्व कप ट्रॉफी को पहली बार उठाया था और नई बादशाहत का ऐलान किया था. कपिल देव की कप्तानी वाली टीम, जो विश्व कप में किसी की नजरों में तक नहीं थी, उसने फाइनल में उस समय की दिग्गज टीम और दो बार की विश्व विजेता वेस्टइंडीज को फाइनल में मात दे सभी को हैरान कर दिया था.
इस समय भी इंग्लैंड में विश्व कप चल रहा है और विराट कोहली की कप्तानी वाली मौजूदा भारतीय टीम के लिए 1983 की जीत प्ररेणा का काम कर सकती है.
भारत ने फाइनल में विश्व कप जीत की हैट्रिक लगाने उतरी वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराया था. यह हाल उस विश्व कप की मौजूदा विजेता विंडीज का तब हुआ था जब उसने पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारत को महज 183 रनों पर ढेर कर दिया था, लेकिन मदन लाल (3-31), मोहिंदर अमरनाथ (3-12) की बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर भारत ने वेस्टइंडीज को 140 रनों पर ही ढेर कर विश्व विजेता की ट्रॉफी उठाई थी.
कपिल का लॉर्ड्स की बालकनी में खड़े होकर विश्व कप ट्रॉफी उठाना ; इस परिदृश्य ने भारतीय क्रिकेट की दिशा बदल दी थी और देश में कई लोगों को क्रिकेट की तरफ मोड़ दिया था. और अगर मौजूदा स्थिति देखी जाए तो क्रिकेट भारत में अब धर्म बन चुका है. इसकी नींव उसी 1983 की विश्व कप जीत ने रखी थी.
उस जीत के बाद भारत सौरभ गांगुली की कप्तानी में 2003 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए विश्व कप के फाइनल में पहुंचा, लेकिन आस्ट्रेलिया से मात खा गया. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में हालांकि भारत ने 28 साल बाद सूखा खत्म किया और दूसरी बार विश्व विजेता बनी.
और अब पूरा देश विराट के नेतृत्व वाली भारतीय टीम से तीसरे विश्व कप खिताब की उम्मीद लगाए बैठा है.
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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
साल 1983 वर्ल्ड कप: जब भारतीय क्रिकेट टीम पहली बार बनी थी सरताज
ABP News Bureau
Updated at:
25 Jun 2019 08:41 PM (IST)
भारत ने फाइनल में विश्व कप जीत की हैट्रिक लगाने उतरी वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराया था. उस जीत के बाद भारत सौरभ गांगुली की कप्तानी में 2003 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए विश्व कप के फाइनल में पहुंचा, लेकिन आस्ट्रेलिया से मात खा गया.
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