Match Fixing Scandal: दिल्ली के एक कोर्ट ने 4 लोगों को आरोपी घोषित किया है, जिसका सीधा कनेक्शन साल 2000 के मैच फिक्सिंग स्कैंडल से है. बताया जा रहा है कि उस समय भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए टेस्ट और वनडे सीरीज के कुछ मुकाबले फिक्स थे और अन्य मैचों को भी फिक्स करने का प्रयास किया गया था. साल 2000 में दक्षिण अफ्रीकी टीम भारत दौरे पर थी और 19 फरवरी 19 मार्च के बीच दोनों टीमों के मध्य 2 टेस्ट और 5 वनडे मैच खेले गए थे. बताया जाता है कि उस समय कुछ अफ्रीकी खिलाड़ियों ने फिक्सिंग की थी. अब कोर्ट ने जांच के बाद पाया है कि सीरीज के कुछ मुकाबले फिक्स थे और अन्य मैचों में भी फिक्सिंग की कोशिश की गई थी.
पहले टेस्ट मैच में फिक्सिंग के सबूत - पहला टेस्ट मैच 24-28 फरवरी तक मुंबई में खेला गया था. दक्षिण अफ्रीका की पारी 164 रन पर सिमट गई थी. जांच के बाद कोर्ट में सबूत पेश किए गए कि अफ्रीकी टीम को निर्देश दिए गए थे कि किसी भी पारी में 250 से ज्यादा रन ना बनाएं. यह सबूत अफ्रीकी खिलाड़ियों पीटर स्ट्रिडोम और हैंसी क्रॉन्ज के स्टेटमेंट से भी साफ मेल खा रहा था, जिन्होंने साल 2000 में चली जांच के समय बयान दिए थे.
दूसरे मैच में नहीं हो पाई फिक्सिंग - दूसरा टेस्ट मैच 2-6 मार्च तक बेंगलुरु में खेला गया. हालांकि हैंसी क्रॉन्ज ने बताया था कि उन्होंने मैच फिक्सिंग को लेकर टीम के अन्य खिलाड़ियों से बात कर ली थी, लेकिन अंत में दूसरे मैच में फिक्सिंग को अंजाम नहीं दिया जा सका था. इसके कई प्रयास किए गए थे.
वनडे सीरीज में फिक्सिंग के प्रयास
कोर्ट ने बताया कि 12 मार्च को जमशेदपुर, 15 मार्च को फरीदाबाद और 17 मार्च को बड़ौदा में होने वाले वनडे मैच में चाहे फिक्सिंग नहीं हो सकी थी. मगर क्रॉन्ज की स्टेटमेंट बयां कर रही थीं कि उन्होंने फिक्सिंग के संबंध में अंदर की खबर सट्टेबाजों तक पहुंचाई थी. वहीं 19 मार्च को नागपुर में हुए पांचवें वनडे मैच के संबंध में क्रॉन्ज की स्टेटमेंट्स के आधार पर कोर्ट ने पाया कि उन्होंने टीम के स्कोर के अलावा 2 अन्य खिलाड़ियों के स्कोर को भी फिक्स करने की बात मान ली थी. क्रॉन्ज की डील हुई थी कि मैच को फिक्स करने के लिए हर्शल गिब्स और हेनरी विलियम्स को 15 हजार डॉलर देने होंगे.
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