Michael Kasprowicz On Indian Pitches: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेली जा रही है. सीरीज़ की शुरुआत से ही ऑस्ट्रेलियाई मीडिया भारतीय पिचों के पीछे पड़ी हुई है. सीरीज़ का पहला मैच नागपुर में खेला गया था, जिसमें टीम इंडिया ने एक पारी और 132 रनों से शानदार जीत दर्ज की थी. इस मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया की ओर पिच को लेकर तमाम तरह की बातें कही गई थीं. अब इस बीच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ माइकल कास्प्रोविक्ज़ ने भारतीय पिच को लेकर बड़ा बयान दिया है.
माइकल कास्प्रोविक्ज़ 2004 में भारत के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया टीम का हिस्सा थे. भारत में खेली गई उस टेस्ट सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से जीत अपने नाम की थी. उन्होंने पीटीआई से बात करते हुए कहा, “ग्लेन मैकग्रा और जेसन गिलेस्पी निश्चित रूप से बेहतरीन गेंदबाज थे. मैं भाग्यशाली था कि मुझे टीम में शामिल किया गया क्योंकि मुझे 1998 और 2001 की सीरीज़ में भारत में खेलने का अनुभव था. जैसे हमने पिछले भारत दौरे पर गेंदबाज़ी की थी, हमने उस तरीको को बदला.”
उन्होंने आगे कहा, “हमने ज़्यादा सीधी गेंदबाज़ी कराई. हमने बाउंसर का इस्तेमाल रणनीतिक फील्ड पोजीशन के साथ किया जैसे कि कैचिंग मिडविकेट या हुक शॉट के लिए दो खिलाड़ी. मूल रूप से यह भारत की ताकत के अनुसार गेंदबाजी करना था, लेकिन फील्ड प्लेसमेंट और एक्जीक्यूशन के साथ, यह हमारे पक्ष में काम किया. यह पिछले दौरों की तुलना में कुछ अलग करने का फायदा था.”
तेज़ गेंदबाज़ी रही है ऑस्ट्रेलिया की ताकत
तेज़ गेंदबाज़ी हमेशा से ही ऑस्ट्रेलिया टीम की ताकत रही है. कास्प्रोविक्ज़ ने कहा, “मौजूदा ऑस्ट्रेलिया टीम की ताकत भी तीन तेज गेंदबाज रहे हैं लेकिन स्टार्क और हेजलवुड के चोटिल होने के कारण उन्हें टीम का संतुलन बनाए रखने के लिए टीम कॉम्बिनेशन में बदलाव करना पड़ा है. नागपुर को देखने के बाद, उन्होंने यहां आकर स्पिन गेंदबाजों का समर्थन किया. यही कारण है कि हमारे पास दो स्पिनर हैं.”
पिचों के बारे में बात करना फैशन बन गया है: माइकल कास्प्रोविक्ज़
ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी बार भारत में खेलते हुए 2004 में एडम गिलक्रिस्ट की कप्तानी में टेस्ट सीरीज़ जीती थी. इस सीरीज़ का तीसरा मैच नागपुर में खेला गया था, जहां ऑस्ट्रेलिया ने 342 रनों से शानदार जीत दर्ज की थी. नागपुर पिच को लेकर कास्प्रोविक्ज़ ने कहा, “मैं ये नहीं कहूंगा कि विकेट्स बहुत ज़्यादा बदल गए हैं और मैं नहीं कहूंगा कि नागपुर ग्रीन टॉप था. यह अधिक घास कवर के साथ सामान्य से थोड़ा अच्छा था. सतह पर थोड़ी अधिक उछाल थी. इसी के साथ कहूंगा कि पिचें बदली नहीं हैं. यह वैसी ही हैं. मुझे नहीं पता कि यहां सीरीज से पहले विकेटों के बारे में बात करना फैशन बन गया है या नहीं.”
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