मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने 24 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कई शानदार पारियां खेली. टेस्ट मैच हो या वनडे मैच, दोनों ही फॉर्मेट में उन्होंने रिकॉर्ड की झड़ी लगाई और बन गए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज. इसके बावजूद सचिन की एक पारी को अक्सर भारतीय क्रिकेट फैंस हमेशा खास तौर पर याद करते हैं. वो है- डेजर्ट स्टोर्म, जो आज ही के दिन 22 साल पहले खेली गई थी.


सचिन की कई बेहतरीन पारियों में अक्सर 2003 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ बनाए गए 98 रन या फिर पहले दोहरे शतक का जिक्र आता है. कोई सिडनी टेस्ट में बनाए 241 रन की पारी को यादगार बताता है तो कोई ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए 175 रनों को सर्वश्रेष्ठ बताता है.


लेकिन ज्यादातर फैंस की राय में सचिन ने अपनी सबसे शानदार पारी 22 अप्रैल 1998 को शारजाह में खेली थी. ये पारी आई थी बेहद मुश्किल परिस्थितियों में. मैच के लिहाज से भी और मौसम के लिहाज से भी.


1998 में भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच शारजाह में ‘कोका-कोला कप’ खेला गया था. लीग स्टेज में भारतीय टीम सिर्फ एक मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत पाई थी. ऑस्ट्रेलिया अपने सभी मैच जीतकर फाइनल में पहुंच चुका था. भारत को फाइनल में पहुंचने के लिए ऑस्ट्रेलिया को हराना जरूरी था या फिर नेट रनरेट में न्यूजीलैंड से आगे निकलना था.


22 अप्रैल को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया मुकाबला भारत के लिए किसी सेमीफाइनल से कम नहीं था. ये वो दौर था जब सचिन अकेले भारतीय टीम की सबसे बड़ी ताकत थे. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए माइकल बेवन के बेहतरीन शतक और मार्क वॉ के अर्धशतक की मदद से 284 रन बनाए.



रेतीले तूफान के बाद सचिन का तूफान


भारत को फाइनल में पहुंचने के लिए कम से कम 254 रन बनाने की जरूरत थी, जिससे टीम नेट रनरेट में न्यूजीलैंड से आगे निकल जाती. ओपनर सौरव गांगुली जल्दी आउट हो गए, लेकिन सचिन तेंदुलकर इस दिन अलग मूड में थे.


सचिन ने माइकल कास्प्रोविच पर लगातार 2 शानदार छक्के जड़े और अपने इरादे जाहिर कर दिए थे. हालांकि कुछ ही देर में शारजाह में जबरदस्त रेतीला तूफान (डेजर्ट स्टोर्म) आ गया और मैच कुछ देर के लिए रोक दिया गया.


मैच दोबारा शुरू हुआ और भारत के सामने लक्ष्य बदलकर 46 ओवर में 276 रन हो गया और न्यूजीलैंड को पछाड़ने का लक्ष्य भी बदलकर 237 रन हो गया. डेजर्ट स्टोर्म थमने के बाद शारजाह में सचिन की बल्लेबाजी का तूफान आया.


सचिन ने कास्प्रोविच, डेमियन फ्लेमिंग और शेन वॉर्न जैसे गेंदबाजों से सजी ऑस्ट्रेलियाई टीम पर लॉन्ग ऑन और मिडविकेट पर जमकर रन बरसाए.



पहले फाइनल में पहुंचाया, फिर चैंपियन बनाया


भारतीय टीम ने सिर्फ 43वें ओवर में 237 से ज्यादा रन बना लिए और फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया. सचिन ने 131 गेंद में 143 रन की जानदार पारी खेली. हालांकि भारतीय टीम 26 रन से मैच हार गई, लेकिन सचिन ने टीम को फाइनल तक पहुंचा दिया था.


इसके बाद से ही क्रिकेट इतिहास में सचिन की इस पारी को ‘डेजर्ट स्टोर्म इनिंग’ के नाम से जाना जाता है और इसे सचिन की सर्वश्रेष्ठ पारियों में गिना जाना है. इस पारी के 2 दिन बाद एक बार फिर सचिन का तूफान आया था और फाइनल में शतक जड़कर उन्होंने टीम को जीत दिलाई थी. फाइनल में सचिन ने 134 रन बनाए और भारतीय टीम चैंपियन बनी.