South Africa Match Fixing: 3 दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटरों को मैच फिक्सिंग के चलते गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें लोनवाबो सोतसोबे का भी नाम शामिल है, जिन्होंने 89 इंटरनेशनल मैचों में दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्व किया है. उन्हें भ्रष्ट गतिविधियों की रोकथाम वाले कानून के तहत पांच आरोपों में भ्रष्टाचार का आरोपी पाया गया है. यह मामला 9 साल पुराना है जब रैम स्लैम चैलेंज 2015 में कुल 7 क्रिकेटरों पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे.


हाल में गिरफ्तार हुए इन तीन क्रिकेटरों के नाम लोनवाबो सोतसोबे, थामी सोलेकिले, एथी म्बालाटी है. डोमेस्टिक टूर्नामेंट में मैच फिक्सिंग करने के लिए दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने तीनों खिलाड़ियों पर बैन लगा दिया था. 2015 में हुए उसी टूर्नामेंट के दौरान गुलाम बोदी, जीन साइम्स और प्यूमी मात्शिक्वे भी चर्चाओं में आए थे. फिक्सिंग मामले में गुलाम बोदी जेल काट चुके हैं, दूसरी ओर जीन और प्यूमी को दोषी पाए जाने के बाद सस्पेंड कर दिया गया था. इस बीच सोतसोबे, सोलेकिले, म्बालाटी का मामला फरवरी 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.


इस मैच फिक्सिंग मामले में एक सातवां खिलाड़ी भी सम्मिलित था, जिसका नाम अल्वीरो पीटरसन है. पीटरसन एक समय नियमित रूप से दक्षिण अफ्रीका की टेस्ट टीम का हिस्सा बने रहे थे. जब यह मैच फिक्सिंग मामला उछला तो उनपर दो साल का बैन लगाया गया था. इन आरोपों ने पीटरसन का करियर इस तरह बर्बाद किया कि 2015 के बाद उनकी अफ्रीकी टीम में वापसी नहीं हो सकी है.


इनमें से बाएं हाथ के तेज गेंदबाज सोतसोबे ने अपने इंटरनेशनल करियर में 121 विकेट झटके, इसके अलावा फर्स्ट-क्लास करियर में भी उन्होंने 201 विकेट चटकाए थे. सोलेकिले ने भी दक्षिण अफ्रीका के लिए 3 टेस्ट मैच खेले, जिनमें वो महज 47 रन ही बना सके. दूसरी ओर दायें हाथ के तेज गेंदबाज म्बालाटी इंटरनेशनल डेब्यू तो नहीं कर पाए, लेकिन फर्स्ट-क्लास करियर में 364 विकेट जरूर झटके. बताते चलें कि सोतसोबे ने अपने करियर में सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और एमएस धोनी जैसे नामी और दिग्गज भारतीय बल्लेबाजों को भी आउट किया था.


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