कप्तान विराट कोहली(123 रन) के पराक्रमी शतक के बावजूद रांची के मैदान पर भारतीय टीम को तीसरे वनडे में 32 रनों से शिकस्त झेलनी पड़ी. ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत के सामने 314 रनों का लक्ष्य रखा. जिसके पीछा करने उतरी टीम इंडिया 48.2 ओवरों में 281 रन बनाकर ऑल-आउट हो गई. इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पांच मैचों की वनडे सीरीज़ में 1-2 से वापसी कर ली है.


314 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत बेहद खराब रही. शिखर धवन एक बार फिर खराब फॉर्म में रहते हुए 1 रन के स्कोर पर लौट गए. इसके बाद टीम को रोहित शर्मा से उम्मीदे थीं लेकिन वो भी 14 रन बनाकर जल्दी ही चलते बने. इन दोनों के आउट होने के बाद कप्तान कोहली का साथ देने क्रीज़ पर आए अंबाती रायडू भी जल्द ही आया राम गया राम बनकर लौटते बने.


एक वक्त पर भारत का स्कोर 27/3 विकेट हो चुका थे लेकिन इसके बाद रांची के शेर एमएस धोनी ने मैदान पर कदम रखा और कप्तान विराट कोहली का साथ दिया. इन दोनों बल्लेबाज़ों के बीच 50 रनों की अहम साझेदारी हुई और दोनों टीम को 86 रनों तक पहुंचाया. लेकिन यहां एडम ज़म्पा ने धोनी(26 रन) को चमका दे दिया और उनके यॉर्कर गेंद पर बोल्ड कर टीम इंडिया की चिंताएं बढ़ा दी.


इसके बाद टीम के भरोसेमंद केदार जाधव कप्तान का साथ देने के लिए उतरे. जाधव के साथ भी विराट ने 88 रनों की साझेदारी निभाई. ये दोनों ही बल्लेबाज़ बेहद आराम से भारत को जीत की ओर लेकर जाते दिख रहे थे कि तभी ज़म्पा ने जाधव(26 रन) को आउट कर टीम इंडिया को बड़ा झटका दे दिया.


भारत की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी लेकिन अब भी कप्तान कोहली क्रीज़ पर जमे हुए थे. कप्तान विराट कोहली ने इस दौरान अपना 41वां शतक पूरा किया और भारत को 200 रनों के पार पहुंचाया. विराट कोहली ने विजय शंकर के साथ मिलकर अब भी भारत की उम्मीदों को ज़िंदा रखा था. लेकिन एडम ज़म्पा मानो आज कुछ और ही ठान कर आए थे. उन्होंने 219 के स्कोर पर विराट कोहली(123 रन) को भी धोनी की तरह ही बोल्ड कर भारत की उम्मीदों को लगभग समाप्त कर दिया.


हालांकि अब भी क्रीज़ पर टीम इंडिय के नए हीरो विजय शंकर और रविन्द्र जडेजा मौजूद थे. लेकिन 251 के स्कोर पर जैसे ही विजय शंकर(32 रन) पवेलियन लौटे तो मानो भारत की सारी उम्मीदें खत्म हो गईं और पूरी भारतीय टीम 281 रन बनाकर ढेर हो गई.


इससे पहले बल्लेबाज़ी में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 314 रनों की चुनौती रखी थी. ऑस्ट्रेलिया ने उस्मान ख्वाजा और कप्तान एरॉन फिंच की शानदार पारियों की मदद से ये बड़ा स्कोर बनाया.


हालांकि ऑस्ट्रेलियाई टीम एक समय पर ऐसी स्थिति में थी कि वो भारत के खिलाफ 350 का स्कोर भी खड़ा कर सकती थी. लेकिन मैच के आखिरी 10 ओवरों में भारतीय गेंदबाज़ों ने बाज़ी पलटा और मेहमान टीम को 313 रनों पर रोकने में कामयाब रहे.


आस्ट्रेलिया के उस्मान ख्वाजा ने 113 गेंदों पर 11 चौके और एक छक्के की मदद से 104 रनों की पारी खेली. वहीं कप्तान एरॉन फिंच ने 99 गेंदों पर 93 रन बनाए जिसमें 10 चौके और तीन छक्के शामिल हैं. इन दोनों ने पहले विकेट के लिए 193 रनों की साझेदारी की जो इस मैदान पर किसी भी विकेट के लिए अभी तक की सबसे बड़ी साझेदारी है.


पहला विकेट गिरने के बाद भी कंगारू टीम को कोई फर्क नहीं पड़ा. क्रीज़ पर आए ग्लेन मैक्सवेल ने पारी को ख्वाजा के साथ संभाला और टीम को आगे लेकर गए. उन्होंने ख्वाजा के साथ मिलकर टीम को 200 रनों के पार पहुंचाया. लेकिन इसके बाद शतक पूरा करते ही ख्वाजा मोहम्मद शमी की गेंद पर कैच थमा बैठे.


अब भी 38.3 ओवर में 239 के स्कोर पर 2 विकेट गंवाकर ऑस्ट्रेलियाई टीम बड़ा टार्गेट सेट करने का सोच रही थी. लेकिन जैसे ही टीम ने 250 का आंकड़ा पार किया और 42वें ओवर की आखिरी गेंद पर धोनी की चपलता से मैक्सवेल रन-आउट हुए तो उसके बाद तो मानो ऑस्ट्रेलियाई टीम ने लय खो दी.


उन्होंने 11 गेंदों के भीतर ही तीन विकेट गंवा दिए. देखते ही देखते टीम का स्कोर 263/5 हो गया. लेकिन इसके बाद मार्कस स्टोइनिस ने एलेक्स कैरी के साथ मिलकर टीम को संभाला और 50 ओवरों तक कोई और विकेट नहीं गिरने दिया.


इन दोनों बल्लेबाज़ों ने टीम को 50 ओवर की समाप्ती पर 313 रन का स्करो दिया. स्टोइनिस ने नाबाद 31 जबकि कैरी ने 21 रन बनाए.


भारत के लिए कुलदीप यादव ने तीन विकेट जबकि मोहम्मद शमी को एक सफलता मिली. एक खिलाड़ी को जडेजा-धोनी की जोड़ी ने रन-आउट किया.