क्रिकेट इतिहास के 5 सबसे विवादित और अनोखे बैट, कुछ की वजह से मचा बवाल
इंटरनेशनल क्रिकेट में अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग-अलग तरह की गेंदों का इस्तेमाल किया जाता है, उस तरह से बल्ले नहीं बदले जाते. लेकिन क्रिकेट के इतिहास में ऐसा भी हुआ है जब अलग-अलग तरह के बल्ले मैदान पर आए हैं और उनकी वजह से बवाल भी मचा है.
क्रिकेट का खेल बड़ा ही दिलचस्प है. इस खेल में बल्ले और गेंद का रोल काफी अहम होता है. इंटरनेशनल क्रिकेट में अलग-अलग तरह की गेंदों का इस्तेमाल होता है. टेस्ट मैच जहा लाल गेंद के साथ खेला जाता है. तो वहीं वनडे और टी-20 क्रिकेट में सफेद गेंद का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि अब तो डे-नाइट टेस्ट मैच भी होने लगे हैं तो दिन-रात के इन टेस्ट मैचों में गुलाबी गेंद का उपयोग किया जाता है.
जिस तरह से इंटरनेशनल क्रिकेट में अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग-अलग तरह की गेंदों का इस्तेमाल किया जाता है, उस तरह से बल्ले नहीं बदले जाते. लेकिन क्रिकेट के इतिहास में ऐसा भी हुआ है जब अलग-अलग तरह के बल्ले मैदान पर आए हैं और उनकी वजह से बवाल भी मचा है. चलिए आज आपको ऐसे ही बल्लों के बारे में बताते हैं.
थॉमस व्हाइट का व्हाइट मॉन्सटर बैट :
ये बात तब की है जब इंटरनेशनल क्रिकेट का कोई नामो-निशान नहीं था. लोग अपने मनोरंजन के लिए क्रिकेट खेला करते थे. क्रेस्टी और हेंबलटन टीमों के बीच एक मुकाबला खेला गया. क्रिस्टी के बल्लेबाज थॉमस व्हाइट जब क्रीज पर बैटिंग करने उतरे तो उनके हाथ में सफेद रंग का काफी चौड़ा बल्ला था. ऐसे में विपक्षी टीम ने इसका विरोध किया क्योकि ऐसे में बल्लेबाज को आउट करना काफी मुश्किल था. इसके बाद ही बल्ले के आकार को लेकर नियम बनाए गए कि बल्ला एक सीमित आकार से बड़ा नहीं होना चाहिए.
लिली का एल्यूमीनियम बैट :
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज डेनिस लिली एक बार मैदान पर एल्यूमीनियम का बल्ला लेकर उतरे थे. इससे कुछ दिन पहले भी वो वेस्टइंडीज के खिलाफ इसी बल्ले को लेकर बल्लेबाजी करने आए थे जिससे गेंद खराब हो रही थी. ऐसे में इंग्लैंड के कप्तान ने उनके इस बल्ले के इस्तेमाल का विरोध किया. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा कप्तान ग्रेग चैपल ने उन्हें लकड़ी का बल्ला खेलने के लिए दिया तब यह विवाद थमा.
पॉन्टिंग का ग्रेफाइट बैट :
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने साल 2004 में इस बल्ले का इस्तेमाल किया था. बैट की निर्माता कंपनी कोकोबुरा ने इसमें कार्बन ग्रेफाइट की परत लगाई थी. इस बल्ले का इस्तेमाल करते हुए पॉन्टिंग ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट में दोहरा शतक जड़ दिया था.
इस बैट को लेकर जब लोगों ने आपत्ति दर्ज की, तो फिर एमसीसी ने बल्ले की जांच की. जांच में पाया गया कि इस बल्ले से खेलने पर बल्लेबाज को फायदा होता है. इसके बाद एमसीसी ने इस बल्ले के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई. पॉन्टिंग को फिर से पारंपरिक बल्ले से खेलने को कहा.
मैथ्यू हेडन का मोंगूज बैट :
2010 के आईपीएल में ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने इसका प्रयोग किया था और ये बैट 2010 में काफी फैमस भी हुआ था. ये एक छोटा खतरनाक बैट था. इसकी सबसे खास बात ये थी कि इसका हैंडिल बैट के हिट करने वाले हिस्से से ज्यादा बड़ा था. इस बैट की मदद से मैथ्यू हेडन ने 43 गेंदों पर 93 रन की शानदार पारी खेली, हालांकि इस बैट से हिट करना जितना आसान है, उतना ही डिफेंस करना मुश्किल था, जिसके वजह से इस बैट का इस्तेमाल बहुत कम हो गया था.
गेल का गोल्डन बैट
बिग बैश लीग में खिलाड़ियों को रंगीन बल्ले इस्तेमाल करने की परमीशन है. एक सीजन में वेस्टइंडीज के धुरंधर बल्लेबाज क्रिस गेल ने ऐसे ही एक कलर फुल बल्ले का इस्तेमाल किया था. वह रंगीन बैट का इस्तेमाल करने वाले पहले खिलाड़ी थे. गेल गोल्डन कलर के बल्ले के साथ मैदान पर आए थे और विरोधियों के खूब छक्के छुड़ाए. बहुत से लोगों का मानना था इस बैट के अंदर मेटल है.