IND vs ENG: भारत का इंग्लैंड दौरा 25 जनवरी से शुरू हुआ था और दौरे का अंत आते-आते इंग्लैंड का 'बैज़बॉल' एकदम फिसड्डी साबित हो गया है. भारत ने धर्मशाला में हुए टेस्ट मैच में इंग्लैंड को पारी और 64 रन से करारी हार का स्वाद चखाया है. पहले मैच में हार के बाद भारतीय टीम ने शानदार वापसी करते हुए अगले चारों मैच जीतकर सीरीज 4-1 से अपने नाम कर ली है. यहां जानिए इंग्लैंड का 'बैजबॉल' आखिर क्यों फेल हो गया और टीम को क्यों 4-1 के बड़े अंतर से सीरीज गंवानी पड़ी.


स्पिन गेंदबाजी में अनुभवहीनता


इंग्लैंड की टीम पूरे टूर के दौरान शोएब बशीर और टॉम हार्टली जैसे अनुभवहीन स्पिन गेंदबाजों पर दांव खेलती रही. जैक लीच के रूप में अनुभवी स्पिन गेंदबज चोट के कारण पहले मैच के बाद मैदान पर उतर ही नहीं पाए. ये अनुभवहीनता ही थी कि इंग्लैंड के युवा स्पिनर्स के पास वो अनुभव नहीं था जिससे वो एक ही टप्पे पर गेंदबाजी करते हुए बल्लेबाज के लिए मुश्किलें पैदा करें. हालांकि टॉम हार्टली ने सीरीज में 22 विकेट चटकाए, लेकिन उन्होंने खूब रन भी लुटाए.


बेन स्टोक्स का व्यक्तिगत और कप्तानी में बेकार प्रदर्शन


पूरी सीरीज की बात करें तो बेन स्टोक्स का बल्ला पांचों मैचों में खामोश रहा. स्टोक्स पूरी सीरीज के दौरान 5 मैचों में केवल 199 रन बना पाए. यहां तक कि पांचवें मैच के दौरान उनकी शारीरिक अवस्था में भी ढीलापन देखा गया, जो दर्शा रहा था कि बेन स्टोक्स एक कप्तान के रूप में पहले ही भारतीय टीम के सामने घुटने टेक चुके हैं. इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि स्टोक्स का कप्तानी और व्यक्तिगत रूप से बल्लेबाजी में प्रदर्शन बहुत खराब रहा.


टॉप ऑर्डर का ना चलना


भारत के खिलाफ सीरीज के दौरान जैक क्रॉली और ओली पोप इंग्लैंड की टीम के लिए ओपनिंग करते दिखाई दिए. एक तरफ क्रॉली ने 5 मैचों में 407 और बेन डकेट ने इतने ही मैचों में 343 रन बनाए. रन बनाने के मामले में इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज भारतीय टीम से काफी पीछे रहे. रोहित शर्मा यशस्वी जायसवाल लगातार मैचों में इंग्लिश गेंदबाजों की धज्जियां उधेड़ते दिखाई दिए, लेकिन क्रॉली और डकेट ऐसा नहीं कर पाए.


बैजबॉल रहा फिसड्डी


ब्रेंडन मैकुलम की कोचिंग में इंग्लैंड की टीम लगातार आक्रामक तरीके का क्रिकेट खेलती आई है, जिसे 'बैजबॉल' की संज्ञा दी गई है. दुर्भाग्यवश 'बैजबॉल' भारतीय पिचों पर पूरी तरह फिसड्डी साबित हुआ है. ये भी गौर करने वाली बात थी कि कई मौकों पर इंग्लैंड के खिलाड़ियों को सब्र से काम लेने की जरूरत थी, लेकिन तेज खेलने और तेज रन बनाने के चक्कर में पूरी टीम चंद रनों के अंदर ढह गई. कुल मिलाकर देखा जाए तो भारत में 'बैजबॉल' की रणनीति पूरी तरह फेल रही है.


कंडीशंस का फायदा नहीं उठा पाई इंग्लैंड की टीम


सीरीज का पांचवां मैच धर्मशाला में खेला गया, जहां पिच की कंडीशन काफी हद तक वैसी रही जिस पर इंग्लिश टीम को खेलना पसंद है. दूसरी ओर तापमान भी इंग्लैंड टीम को घरेलू परिस्थितियों जैसा आभास करवा रहा था. इस तरह की कंडीशन मिलने के बावजूद इंग्लैंड टीम ने अपने खेलने का तरीका ना बदलते हुए बेकार शॉट्स खेलते हुए अपने विकेट गंवाए.


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