Ranji Trophy 2021-22: रणजी ट्राफी 2022 के फाइनल में मध्यप्रदेश ने मुंबई को 6 विकेट से हाराकर इतिहास रच दिया. बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में जीत के साथ मध्य प्रदेश ने पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है. इससे पहले मध्यप्रदेश ने कभी रणजी का फाइनल मैच नहीं जीता था. टीम साल 1999 में चंद्रकात पंडित की कप्तानी में फाइनल तक पहुंची थी, जहां उसे कर्नाटक के हाथों 96 रन से हार का सामना करना पड़ा था. आइए जानते हैं 41 बार की चैंपियन मुंबई की हार के कारण.


1- यशस्वी जायसवाल की चोट
मुंबई की दूसरी पारी में सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल बल्लेबाजी करने नहीं आए. ऐसे में सोशल मीडिया पर जायसवाल की सेहत को लेकर सवाल उठने लगे. एंकल इंजरी के कारण यशस्वी जायसवाल फील्डिंग और बल्लेबाजी करने के लिए नहीं उतरे. वहीं पृथ्वी शॉ ने विकेटकीपर बल्लेबाज हार्दिक तोमर के साथ पारी की शुरुआत की. 


2- ओपनिंग में बदलाव करना पड़ा
यशस्वी जायसवाल की चोट के कारण मुंबई को अपनी ओपनिंग जोड़ी में बदलाव करना पड़ा. पृथ्वी शॉ ने विकेटकीपर बल्लेबाज हार्दिक तोमर के साथ पारी की शुरुआत की. ऐसे में दोनों ही सलामी बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके. पृथ्वी शॉ ने 44 तो हार्दिक तोमर ने 25 रन बनाए. वहीं अन्य बल्लेबाज भी खास प्रदर्शन नहीं कर सके, जिससे मुंबई दूसरी पारी में बड़ा स्कोर नहीं बना सकी. 






3- पहली पारी में बड़ा स्कोर नहीं बनाया
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी मुंबई बड़ा स्कोर बनाने में विफल रही. मुंबई ने 10 विकेट खोकर 374 रन बनाए. जवाब में मध्यप्रदेश ने पहली पारी में 536 रन बना दिए. ऐसे में पहली पारी से ही मप्र ने अच्छी खासी बढ़त प्राप्त कर ली, जिसका दूसरी पारी में उन्हें फायदा मिला.


4- दूसरी पारी में जल्दी सिमटी मुंबई
पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम मुंबई का दूसरी पारी में और बुरा हाल रहा. दूसरी पारी में 41 बार की चैंपियन टीम 10 विकेट खोकर 269 रन ही बना सकी. सुवेद पारकर को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज 50 प्लस स्कोर तक नहीं बना सका. ऐसे में पहली पारी में बढ़ बना चुकी मप्र और हावी हो गई और इतिहास रचते हुए इस मुकाबले को जीत लिया.


5- मध्य प्रदेश के बल्लेबाजों का शानदार प्रदर्शन
पूरे टूर्नामेंट में मध्यप्रदेश का प्रदर्शन शानदार रहा. टीम टूर्नामेंट का एक भी मुकाबला नहीं हारी और फाइनल तक उनका यह सफर जारी रहा. पहली पारी में मध्यप्रदेश ने बल्लेबाजों की दम पर 536 रन का स्कोर खड़ा किया. वहीं दूसरी पारी में 4 विकेट खोकर 108 रन का आसान लक्ष्य बनाते हुए टीम ने इतिहास रच दिया.


 






पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही मध्यप्रदेश



  • पहला मैच: मध्य प्रदेश बनाम गुजरात- मध्य प्रदेश ने 106 रन से जीता.

  • दूसरा मैच: मध्य प्रदेश बनाम मेघालय- पारी और 301 रन से जीता.

  • तीसरा मैच: मध्य प्रदेश बनाम केरल- ड्रॉ

  • चौथा मैच (क्वार्टर फाइनल): मध्य प्रदेश बनाम पंजाब- 10 विकेट से जीता.

  • पांचवां मैच (सेमीफाइनल): मध्य प्रदेश बनाम बंगाल- 174 रन से जीता.

  • छठा मैच (फाइनल): मध्य प्रदेश बनाम मुंबई- 6 विकेट से जीता.


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