नई दिल्ली/एंटिगा: वेस्टइंडीज में चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला के पहले टेस्ट मैच में गुरुवार को जब नवनियुक्त कोच अनिल कुंबले के मार्गदर्शन में और शानदार फॉर्म में चल रहे विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टेस्ट टीम मेजबानों के खिलाफ मैदान पर उतरेगी तो उसकी कोशिश यहां अपनी टेस्ट जीत के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए लगातार तीसरी टेस्ट श्रृंखला जीतने की होगी.
लेकिन उससे पहले आइये हम एक नज़र डालले भारत और वेस्टइंडीज़ के पिछले कुछ सालों के इन रिकॉर्ड्स पर:
# साल 2002 से लेकर अब तक वेस्टइंडीज़ की टीम भारत को एक भी मैच नहीं हरा पाई है. अब ये ज़िम्मेदारी विराट की यूथ ब्रिगेड पर है कि वो इस सिलसिले को और लंबा करें. 2002 से लेकर अब तक भारत और वेस्टइंडीज़ की टीमों के बीच 15 मुकाबले खेले गए हैं जिसमें भारत ने 8 जीते हैं जबकि 7 मैच ड्रॉ पर छूटे हैं.
# साल 2006 से यानी पिछले 10 सालों में स्पिनर्स को वेस्टइंडीज़ के मैदान पर 69.1 गेंद पर एक विकेट मिलता है. जो कि उससे पिछले 10 सालों के मुकाबले में काफी बेहतर है. जबकि पिछले 5 सालों में विंडीज़ सरज़मीं पर स्पिनर्स का रिकॉर्ड और बेहतर हुआ है. यानी अब गेंदबाज़ों को 64.1 गेंद पर एक विकेट मिलता है. साल 2006 से अब तक 41 टेस्ट मैचों में 24 बार स्पिनर्स ने एक पारी में 5 विकेट हासिल किए हैं. यानी की इस बार एक बार फिर से स्पिनर्स पर टीम इंडिया का दारोमदार रहेगा.
# स्पिनर्स का रिकॉ्र्ड देखने के बाद बात आर अश्विन की करते हैं. एशिया से बाहर 9 टेस्ट मैचों में अश्विन का गेंदबाज़ी औसत 56.58 का है. जबकि एशिया में ये रिकॉर्ड लाख गुणा बेहतर 20.47 का हो जाता है. इस बार अश्विन को अपना प्रदर्शन सुधारना होगा क्योंकि वेस्टइंडीज़ में वो भारतीय स्पिन अटैक के प्रमुख गेंदबाज़ हैं.
# स्पिनर्स के अलावा इशांत शर्मा ने भी वेस्टइंडीज़ में बेहतरीन गेंदबाज़ी की है. इशांत ने पिछले कैरीबियाई दौरे(2011) पर 22 विकेट झटके थे. उस दौरे पर धोनी की कप्तानी के अंदर इशांत ने अपने करियर का एकमात्र 10 विकेट हॉल भी लिया था. कोच अनिल कुंबलने ने भी ये साफ कर दिया है कि इस बार तेज़ गेंदबाज़ी की कमान इशांत शर्मा के हाथ है.
# अब बात करते हैं वेस्टइंडीज़ टीम की, 2015 से लेकर अब तक 21 टेस्ट पारियों में वेस्टइंडीज़ की ओपनिंग जोड़ी ने एक भी 50 रन की साझेदारी नहीं निभाई है. वेस्टइंडीज़ टीम की ओपनिंग जोड़ा का औसत 16.38 है. जबकि उसका सर्वोच्च स्कोर 35 रन है जो कि किसी भी टेस्ट टीम में सबसे कम है. जबकि साल 2014 में ये प्रदर्शन बेहतर था. 13 में से 8 बार विंडीज़ की ओपनिंग जोड़ी ने 50 से ज्यादा रन जोड़े. भारतीय टीम के गेंदबाज़ अगर वेस्टइंडीज़ की इस कमज़ोरी पर पकड़ बना लेते हैं तो टीम इंडिया के लिए सीरीज़ जीत की राह आसान हो जाएगी.