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अकेले एक खिलाड़ी ने बदल दी एशेज की बाजी
मैनचेस्टर टेस्ट में जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया का एशेज सीरीज पर कब्जा हो गया. इंग्लैंड की टीम पूरी सीरीज में बैकफुट पर ही रही. पढ़िए वरिष्ठ खेल पत्रकार शिवेंद्र कुमार सिंह का ब्लॉग
इन परिस्थितियों को सिर्फ सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं. 148 किलोमीटर की तूफानी रफ्तार से आई गेंद एक बल्लेबाज की गरदन पर लगती है. बल्लेबाज पलक झपकते ही गिर जाता है. साथी खिलाड़ी उसे घेर लेते हैं. ड्रेसिंग रूम में सबके चेहरों पर हवाईयां उड़ रही हैं. मैदान पर गिरे बल्लेबाज के जेहन में कुछ साल पहले की एक घटना चलने लगती है. जब एक मैच में खिलाड़ी की मैदान में चोट लगने पर मौत हो गई थी. वो बल्लेबाज हिम्मत करके उठता है. खेल दोबारा शुरू होता है. करीब पौने घंटे के बाद वो खिलाड़ी मैदान में वापस लौटता है. कुछ रन भी बनाता है. लेकिन फिर आउट होकर पवेलियन लौट जाता है. इसी चोट की वजह से अगले मैच में उसे आराम करना पड़ता है. अब चौथे टेस्ट की बारी आती है. वो खिलाड़ी मैदान में वापसी करता है. पहली ही पारी में दोहरा शतक लगाता है. वो खिलाड़ी हैं- स्टीव स्मिथ. स्टीव स्मिथ ने मैनचेस्टर टेस्ट की पहली पारी में 211 रन बनाए. स्मिथ जब क्रीज पर बल्लेबाजी करने आए तो आर्चर ने उन्हें कई बार बाउंसर गेंद फेंकी लेकिन अब स्मिथ पहले से कहीं ज्यादा तैयार होकर आए थे. दूसरी पारी में भी उन्होंने 82 रन बनाए. उन्होंने अकेले ही मैनचेस्टर टेस्ट में अपनी टीम को जीत दिला दी. उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया.
स्टीव स्मिथ के आस-पास भी नहीं है कोई बल्लेबाज
इस सीरीज में जब ऑस्ट्रेलिया का कोई भी बल्लेबाज 300 रनों के आंकड़े के आस पास नहीं पहुंचा, इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज 400 रनों के आंकड़े तक ना पहुंचा हो तब स्टीव स्मिथ के खाते में 671 रन हैं. इन 671 रनों में 3 शतक और 2 अर्धशतक हैं. ये वही स्टीव स्मिथ हैं जो ऑस्ट्रेलिया के कप्तान हुआ करते थे. जिन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान गेंद से छेड़छाड़ की वजह से बैन किया गया था. जिनकी कप्तानी चली गई थी. जो बैन के बाद वापस आए तो आईपीएल और वर्ल्ड कप में प्रदर्शन औसत ही रहा. लेकिन एशेज सीरीज में ऐसा लग रहा है जैसे उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बचा कर रखा था. आपको मैच दर मैच स्टीव स्मिथ का प्रदर्शन बताते हैं. बर्मिंघम में खेले गए पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में उन्होंने 144 रन बनाए. दूसरी पारी में उन्होंने 142 रन बनाए. लॉर्ड्स टेस्ट में भी वो शतक के करीब थे जब जोफ्रा आर्चर की गेंद पर उन्हें चोट लगी. चोट के बाद भी उन्होंने 92 रनों की पारी खेली. दूसरी पारी में वो बल्लेबाजी नहीं कर पाए. लीड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में उन्हें आराम करना पड़ा. चौथे टेस्ट मैच में जब वो आए तो उन्होंने पहली पारी में 211 और दूसरी पारी में 82 रन ठोंक दिए. अब तो ऐसा लग रहा है कि इंग्लैंड के गेंदबाजों के पास स्टीव स्मिथ को आउट करने वाली गेंद ही नहीं है.
विराट कोहली को भी पीछे छोड़ा
स्टीव स्मिथ अपने इस दमदार प्रदर्शन के दम पर दुनिया के नंबर एक टेस्ट बल्लेबाज बन गए हैं. उन्होंने टेस्ट रैंकिंग्स में विराट कोहली को पीछे छोड़ दिया है. टेस्ट क्रिकेट में अब स्टीव स्मिथ के 26 शतक हैं. जबकि विराट कोहली के खाते में 25 शतक हैं. उन्होंने विराट कोहली के मुकाबले रन भी ज्यादा बनाए हैं. इसके अलावा एशेज सीरीज में स्मिथ की तीसरी डबल सेंचुरी है. इस मामले में उनसे आगे सिर्फ सर डॉन ब्रैडमैन और वैली हैमंड हैं. सर डॉन ब्रैडमैन ने 8 और वैली हैमंड ने 4 डबल सेंचुरी लगाई है. दिलचस्प बात ये है कि तकनीक के लिहाज से स्टीव स्मिथ को शायद ही कोई अच्छा बल्लेबाज कहेगा. क्रीज पर उनका अजीबोगरीब स्टांस और हमेशा उनकी बल्लेबाजी के अंदाज पर सवाल खड़े करता है. लेकिन गेंद के टप्पा खाते ही उसे पढ़ लेने की अद्भुत कला ने उन्हें इस वक्त दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज का ताज दिलाया है. रही बात उनकी मेंटल टफनेस की तो उसका जिक्र हम शुरू में कर ही चुके हैं. जो जोफ्रा आर्चर लॉर्ड्स टेस्ट में स्टीव स्मिथ को घायल करने के बाद खतरनाक गेंदबाज माने जा रहे थे वो अब स्मिथ के सामने सामान्य दिख रहे हैं.
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प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
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