हाल ही में रिलीज फिल्म ‘उरी’ का एक डायलॉग बड़ा हिट हुआ. वो डायलॉग था कि ‘फर्ज’ और ‘फर्जी’ में सिर्फ एक मात्रा का अंतर होता है. कुछ ऐसी ही स्थिति ‘एक्सपोज’ और ‘एक्सपोजर’ की भी है. सिर्फ एक अक्षर के बढ़ने से शब्द की गंभीरता बदल जाती है. कई बार आपको ‘एक्सपोजर’ मिलता है तो आप ‘एक्सपोज’ भी हो जाते हैं. जहां करोड़ों लोग आपको देख रहे हों वहां तो ‘एक्सपोज’ होने का खतरा और भी ज्यादा होता है.


नागपुर वनडे में विजय शंकर ने यही लड़ाई जीती है. एक्सपोज और एक्सपोजर की लड़ाई. आखिरी ओवर में विराट कोहली ने उन्हें सोच-समझकर गेंद थमाई. इससे पहले उन्होंने पूरे मैच में सिर्फ एक ओवर फेंका था. ऐसा भी नहीं कि आखिरी ओवर में बहुत ज्यादा रन ‘डिफेंड’ करने के लिए बचे थे.


कंगारुओं को आखिरी ओवर में सिर्फ 11 रन चाहिए था. मार्कस स्टॉयनिस पिछले कई ओवर से इसी इंतजार में थे कि वो मोहम्मद शामी और जसप्रीत बुमराह के अलावा जो भी तीसरा गेंदबाज आएगा उसकी धुनाई करेंगे. विकेट पर उनकी निगाहें अच्छी तरह जमी हुई थीं. विराट कोहली ने जब आखिरी ओवर फेंकने की जिम्मेदारी विजय शंकर को सौंपी तो ऐसा लगा कि स्टॉयनिस की मनचाही मुराद पूरी हो गई. लेकिन यहीं वो गलती कर बैठे.


पहली ही गेंद पर किया स्टॉयनिस को आउट


विजय शंकर ने अपने ओवर की पहली ही गेंद पर मार्कस स्टॉयनिस को एलबीडब्लू आउट कर दिया. विजय शंकर समझ रहे थे कि स्टॉयनिस एक बड़ा शॉट खेलने की कोशिश करेंगे ऐसे में उन्होंने एक ऐसी गेंद फेंकी जिसको ना तो पुल किया जा सकता था ना ही उस पर ‘लॉफ्टेड’ शॉट खेला जा सकता था. विजयशंकर के इसी झांसे में स्टॉयनिस आ गए. मामला रीव्यू तक भी गया लेकिन तीसरे अंपायर ने भी स्टॉयनिस को आउट करार दिया.


इसके बाद पांच गेंद पर 11 रन चाहिए थे. अगली गेंद पर एडम जैंपा ने दो रन लिए. यानि अब जीत के लिए 4 गेंद पर 9 रन चाहिए थे. एक बाउंड्री से काम टीम इंडिया का काम बिगड़ सकता था. ऐसे मौकों पर अक्सर गेंद ‘एज’ या ‘इनसाइड एज’ लेकर बाउंड्री पार चली जाती है. लेकिन विजय शंकर समझ रहे थे कि उन्हें क्या करना है. उन्होंने ओवर की तीसरी गेंद ‘ब्लॉक-होल’ में डाली. मिडिल स्टंप को निशाना बनाकर फेंकी गई इस गेंद पर शॉट खेलने से चूके एडम जैंपा के विकेट उखड़ गए और टीम इंडिया ने लगातार दूसरा वनडे मैच रोमांचक तरीके से जीत लिया. विजय शंकर ने अपने पहले ओवर में 13 रन दिए थे. लेकिन इस करिश्माई ओवर से उन्होंने अपने कप्तान का भरोसा जीत लिया. साथ ही साथ वो अगले कई सालों तक याद रहने वाली जीत भारतीय फैंस को दे गए.


दौड़ कर पकड़ लेंगे विश्व कप 2019 की बस


आज हर तरफ यही चर्चा है कि अब विजय शंकर 2019 विश्व कप में टीम का हिस्सा जरूर होंगे. कई दिग्गज खिलाड़ियों ने भी इस बात पर मोहर लगाई है कि अब 2019 विश्व कप की टीम में उनकी जगह पक्की हो गई है. इस भरोसे के पीछे सिर्फ विजय शंकर की गेंदबाजी नहीं है. भूलना नहीं चाहिए कि उन्होंने नागपुर वनडे में 41 गेंद पर शानदार 46 रन भी बनाए थे. जिसमें पांच चौके और 1 छक्का शामिल है.


250 रन के छोटे स्कोर में विराट कोहली के लाजवाब शतक के बाद सबसे बड़ा योगदान विजय शंकर का ही था. इससे पहले भी उन्होंने अपने बल्ले से कुछ मौकों पर कमाल दिखाया है लेकिन उनकी गेंदबाजी को लेकर भरोसा नागपुर वनडे के बाद ही कायम होगा. टीम इंडिया लंबे समय से ऐसे ऑलराउंडर की तलाश में है जो बल्लेबाजी के साथ साथ तेज गेंदबाजी करता हो. हार्दिक पांड्या के बाद अब विजय शंकर इसी रोल में खरे उतरते दिख रहे हैं. इसी साल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू करने वाले विजय शंकर ने अब तक सिर्फ 6 वनडे मैच खेले हैं. इससे पहले पांच वनडे मैचों में उनका प्रदर्शन औसत था लेकिन मुश्किल मौके पर किए गए एक प्रदर्शन ने उन्हें विश्व कप की टीम में ‘फिट’ कर दिया है.