टेस्ट क्रिकेट के भविष्य की बहस के बीच आशीष नेहरा ने बयां किया सबसे बड़ा मलाल
टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को लेकर फिलहाल बहस छिड़ी हुई है. नेहरा ने बताया है कि कैसे टेस्ट क्रिकेट को बचाया जा सकता है.
न्यूजीलैंड दौरे पर दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड के बी टीम भेजने के फैसले से टेस्ट क्रिकेट का भविष्य सवालों के घेरे में आ गया है. दिग्गज क्रिकेटर्स से लेकर एक्सपर्ट्स तक चिंता जता हैं कि टी20 क्रिकेट में अधिक पैसा होने की वजह से आने वाले समय में अधिकतर देशों की प्राथमिकता सबसे छोटा फॉर्मेट ही बन जाएगा. हालांकि भारत के पूर्व क्रिकेट आशीष नेहरा का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट के भविष्य पर कोई खतरा नहीं मंडरा रहा है. आशीष नेहरा ने तो कम टेस्ट मैच खेलने पर मलाल भी जाहिर किया है.
बीते 20 साल में आशीष नेहरा भारत के सबसे कामयाब गेंदबाजों में से एक रहे हैं. लेकिन आशीष नेहरा का कैरियर चोटिल होने की वजह से ज्यादा लंबा नहीं चल पाया. आशीष नेहरा ने टेस्ट क्रिकेट के बारे में बात करते हुए स्पोर्ट्स स्टार से कहा, ''किसी भी चीज का गिरना प्रकृति का नियम है. इस तेजी से भागती हुई दुनिया में कोई ज्यादा देर ठहर इंतजार नहीं करना चाहता है. लेकिन मुझे तो टेस्ट क्रिकेट से बेहद ज्यादा प्यार है.''
नेहरा ने बताया स्मार्ट तरीका
नेहरा ने टेस्ट क्रिकेट को बचाने का तरीका भी बताया है. आशीष नेहरा ने आगे कहा, ''मुझे तो इस बात का बहुत मलाल रहता है कि मैं ज्यादा टेस्ट मैच नहीं खेल पाया. मेरा कैरियर चोटों की वजह से प्रभावित रहा जिसके चलते मैं टेस्ट मैच ज्यादा नहीं खेल पाया.लेकिन मेरा मानना है कि टेस्ट क्रिकेट खत्म नहीं हो रहा है. बस आपको टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए स्मार्ट होने की जरूरत है. अगर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल बेहतर तरीके से टेस्ट मैचों का शेड्यूल बनाती है तो इस फॉर्मेट को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है.''
बता दें कि आशीष नेहरा ने भारत के लिए टेस्ट मैचों में 1999 में डेब्यू किया था. 2004 में आशीष नेहरा ने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट खेला और वह भारत की ओर से 17 टेस्ट मैचों में 44 विकेट लेने में कामयाब रहे. हालांकि आशीष नेहरा का टी20 कैरियर काफी लंबा रहा और भारत की ओर से उन्होंने 2017 में अपना आखिरी टी20 मैच खेला.