AB de Villiers: सूर्यकुमार यादव और डेवाल्ड ब्रेविस की बल्लेबाजी में क्या है समानताएं? एबी डिवलियर्स ने दिया यह जवाब
Suryakumar Yadav and Dewald Brevis: एबी डिविलियर्स का कहना है कि सूर्यकुमार यादव और डेवाल्ड ब्रेविस की गेम अप्रोच एक जैसी है. दोनों बल्लेबाजी विपक्षी गेंदबाज को सेट होने का मौका ही नहीं देते.
AB de Villiers on Suryakumar Yadav: एबी डिविलियर्स (AB de Villiers) क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं. उन्हें मिस्टर 360 डिग्री के नाम से जाना जाता था. उन्हें यह नाम इसलिए मिला था क्योंकि वह मैदान के चारों ओर कहीं भी छक्का जड़ने की काबिलियत रखते थे. डिविलियर्स के बाद कई खिलाड़ियों ने उनके खेलने के अंदाज को अपनाया. वर्तमान में कई खिलाड़ी हैं, जिन्हें 360 डिग्री कहा जाता है. इनमें भारत के सूर्यकुमार यादव और दक्षिण अफ्रीका के डेवाल्ड ब्रेविस का नाम सबसे आगे है.
सूर्यकुमार यादव एक सीनियर प्लेयर हैं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खुद को बतौर 360 डिग्री बल्लेबाज साबित कर चुके हैं. वहीं, डेवाल्ड ब्रेविस अभी युवा खिलाड़ी हैं, जो अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप में धूम मचाने के बाद फ्रेंचाइजी क्रिकेट में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर रहे हैं. ऐसे में जब पूर्व 360 डिग्री बल्लेबाज एबी डिविलियर्स से इन दोनों खिलाड़ियों की बल्लेबाजी में समानता से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने विस्तार से जवाब दिया.
TOI से बातचीत करते हुए डिविलियर्स ने कहा, 'सूर्या और डेवाल्ड में गेम अप्रोच को लेकर बहुत समानताएं हैं. जब ये दोनों गेंदबाज के सामने होते हैं तो बेहद आक्रामक होते हैं. ये बल्लेबाज गेंदबाजों को सेटल ही नहीं होने देते. डेवाल्ड निश्चित तौर पर अभी बहुत युवा है और उन्हें बहुत कुछ सीखने की जरूरत है, वहीं सूर्या काफी अनुभवी हैं. वह अपना खेल जान चुके हैं. यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने IPL खेलने के बाद काफी लंबा सफर तय किया है. दोनों का खेल देखकर मैं काफी उत्साहित होता हूं. दोनों का भविष्य चमकदार है.'
'सूर्या जैसे खिलाड़ी खेल का स्तर ऊंचा करते हैं'
डिविलियर्स कहते हैं, 'सूर्यकुमार अपने गेम को अगले स्तर पर ले जा चुके हैं. इनके जैसे खिलाड़ियों का क्रिकेट में होना बेहद शानदार है क्योंकि यह खेल के स्तर को ऊंचा करते हैं. डेवाल्ड अभी युवा है और उन्हें लंबा सफर तय करना है. वह हम सब को बता चुके हैं कि उनमें टेलेंट है, उन्हें सिर्फ उस टेलेंट को निखारने की जरूरत है. उनके पास वक्त है. उन्हें अपनी मजबूत और कमजोर पक्ष को पहचानना है. उन्हें यह भी समझने की जरूरत है कि पहले गैर में बल्लेबाजी कैसे की जाती है. हमेशा पांचवें गैर में नहीं चलना है. यह सब वह वक्त के साथ सीख जाएंगे.'
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