आधुनिक क्रिकेट में 'शॉट्स के आविष्कारक' माने जाने वाले साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान अब्राहम डिविलियर्स ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेकर अपने चाहने वालों को भौचक कर दिया. 'सुपरमैन', 'मिस्टर कूल' और 'मिस्टर 360 डिग्री' जैसे नामों से सुशोभित डिविलियर्स उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक रहे हैं, जिनका सम्मान न सिर्फ उनके देश के खिलाड़ी और प्रशंसक करते हैं बल्कि दुनिया भर की टीमों और देशों में उनके खेल को सराहा जाता है.


डिविलियर्स आधुनिक क्रिकेट के पहले ऐसे बल्लेबाज रहे हैं, जो क्रिज से किसी भी कोने में बिजली की तेजी से पहुंच कर गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाने का माद्दा रखते थे. वह एक ऐसा क्रिकेट खिलाड़ी रहे जो मैदान के हर कोने पर हर जिम्मेदारी के तैयार रहता था. दस्ताने पहन कर विकेट के पीछे उन्होंने कई शिकार किए तो बाऊंड्री पर पलक झपकते बाहर जा रही गेंद को कूद कर अपने एक हाथ में थाम बल्लेबाज को भौंचक्का कर दिया. अनेकों हैरतअंगेज रिकार्ड अपने नाम करने वाले डिविलियर्स ने बल्लेबाजी को मजेदार बनाया और अब पूरे सम्मान के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह गए.


प्रीटोरिया से 17 दिसंबर, 2004 को इंग्लैंड के खिलाफ अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर का आगाज करने वाले डिविलियर्स ने इसी मैदान पर खड़े होकर बुधवार को दुनिया से एक वीडियो साझा किया, जो भावनात्मक भी था और चौंकाने वाला भी था. डिविलियर्स ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि नए चेहरों को मौका मिल सके, इसलिए वह अलविदा कह रहे हैं. साथ ही डिविलियर्स ने यह भी कहा कि यह फैसला उनके लिए काफी कठिन था.


डिविलियर्स को एक सम्पूर्ण क्रिकेटर कहा जाए तो गलत नहीं होगा. सही मायने में तो वह एक सम्पूर्ण खिलाड़ी थे. वह एक नायाब टीम मैन थे, जो किसी भी जगह बल्लेबाजी कर सकते थे. कोई भी जिम्मेदारी उठा सकते थे. किसी भी स्थान पर बल्लेबाजी करने की अपनी काबिलियत को डिविलियर्स ने सिर्फ दक्षिण अफ्रीका के लिए ही नहीं दिखाया बल्कि दुनिया भर की टी-20 लीगों में भी उनकी इस योग्यता को लोगों ने देखा.


डिविलियर्स ने जनवरी 2015 में वनडे इतिहास का सबसे तेज शतक लगाया. वांडर्स मैदान पर डिविलियर्स ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 31 गेंदों में शतक जड़ा. वनडे में सबसे तेज अर्धशतक का रिकार्ड भी उन्हीं के नाम है. इस बल्लेबाज ने जोहान्सबर्ग में ही वेस्टइंडीज के खिलाफ 16 गेंदों में यह रिकार्ड बनाया था. डिविलियर्स को तीन बार (2010, 2014, 2015) आईसीसी ने वनडे प्लेअर ऑफ द इअर अवार्ड मिला.


ग्रेम स्मिथ के जाने के बाद डिविलियर्स को वनडे और टी-20 टीम की कप्तानी दी गई लेकिन वह सफल नहीं हो सके. इसके बाद वह टेस्ट टीम के भी कप्तान बने लेकिन यहां भी वह सफल नहीं हो सके. कप्तानी का दबाव उनके खेल पर दिखने लगा था और वह इससे मुक्त होना चाहते थे. ऐसे में डिविलियर्स ने कप्तानी छोड़ दी. 2017 में वह चोट से परेशान रहे और इस कारण कई मौकों पर टीम से बाहर भी रहे लेकिन फिर उन्होंने टीम में वापसी की.


दुनिया भर में खेली जाने वाली टी-20 लीगों में भी डिविलियर्स काफी सफल रहे और हर टीम के लिए पहली पसंद के तौर पर उभरे. आईपीएल में वह काफी समय तक भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के साथ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के लिए खेले लेकिन जैसा कि सबको पता है, अपनी टीम के साथ विश्व कप तक नहीं पहुंच पाने वाले डिविलियर्स की किस्मत यहां भी दगा दे गई और वह आईपीएल खिताब तक भी नहीं पहुंच सके.


अब जबकि इस चमत्कारी खिलाड़ी ने अपना बल्ला टांग दिया है, उसे सबसे ज्यादा याद उसके द्वारा लाए गए नए तरह के शॉट्स के लिए किया जाएगा. बल्लेबाजी की किताब से बाहर निकलकर इस बल्लेबाज ने कई ऐसे शॉट्स इजाद किए जो आज की आक्रामक बल्लेबाजी की पहचान बन गए हैं, लेकिन कुछ ऐसे शॉटस हैं जो सिर्फ डिविलियर्स के बल्ले से ही निकलते हैं. अपने पूरे करियर के दौरान डिविलियर्स ने ढेरों रन बनाए लेकिन कभी किसी विवाद में नहीं पड़े. यह विशेषता उन्हें क्रिकेट का सच्चा 'एम्बेसेडर' बनाती है.
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