ट्वीट में तेंदुलकर ने लिखा कि, '' गुरू हमें न सिर्फ शिक्षा देते हैं बल्कि हमें महत्तव भी सिखाते हैं. आरचरेकर सर ने मुझे हमेशा सीधे खेलना सिखाया चाहे वो ऑन हो या ऑफ फील्ड.''
1989 में अपने डेब्यू के पहले सचिन को दो लोगों की काफी जरूरत थी एक उन्हें हमेशा सपोर्ट करने वाले उनके भाई अजीत और दूसरे कोच आचरेकर. बता दें कि बचपन में सचिन काफी शरारती थे लेकिन ये दो शख्स ऐसे थे जो सचिन को लाइन पर लेकर आए थे.
रमाकांत आचरेकर की मृत्यु 87 साल की उम्र में 2 जनवरी 2019 को हो गई. तेंदुलकर ने इस दौरान उन्हें श्रद्धांजलि भी दी. एक बयान में सचिन ने कहा कि अगर वो क्रिकेट जैसे स्वर्ग में हैं तो सिर्फ आचरेकर सर की बदौलत ही.