लंदन: अपने पदार्पण टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ लॉर्डस में जारी पहले टेस्ट मैच के पहले दिन 50 रन देकर दो विकेट लेने वाले इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन ने नस्लवादी और लिंगभेद को लेकर किए गए अपने पुराने ट्वीट के लिए माफी मांगी है. 27 वर्षीय रॉबिन्सन ने एक बयान में कहा, "अपने करियर के अब तक सबसे बड़े दिन पर, आठ साल पहले किए गए ट्वीट के लिए मैं शर्मिंदा हूं. वे ट्वीट आज सार्वजनिक हो गए हैं. मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ना तो मैं नस्लवादी हूं और ना ही मैं लिंगभेद का समर्थक हूं."
उन्होंने कहा, "मुझे अपने कृत्यों पर बेहद खेद है और मैं इस तरह की टिप्पणियां करने पर शर्मसार हूं. मैं तब विचार शून्य और गैर जिम्मेदार था और तब मेरी मनोदशा जैसी भी सही हो, मेरा काम माफी योग्य नहीं था. पिछले कुछ वर्षों में मैंने अपनी जिंदगी को बदलने के लिए कड़ी मेहनत की है. अब मैं परिपक्व हो गया हूं."
गौरतलब है कि रॉबिन्सन ने 2012 और 2014 में अश्वेतों, मुस्लिमों, महिलाओं और एशियाई लोंगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. रॉबिन्सन ने कहा, "मैं नहीं चाहता कि आठ साल पहले जो कुछ हुआ उससे मेरे साथियों और ईसीबी के प्रयासों को कम करके आंका जाए क्योंकि उसने व्यापक पहल आौर प्रयासों के साथ सार्थक कार्रवाई जारी रखी है जिसका मैं पूर्ण समर्थन करता हूं."
इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के मुख्य कार्यकारी टॉम हैरिसन ने नस्लवाद के खिलाफ बोर्ड जीरो टोलेरेंस की नीति अपनाता है. उन्होंने कहा, "यह बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं कि मैं इससे कितना निराश हूं कि इंग्लैंड के एक क्रिकेटर ने इस तरह के ट्वीट किए थे. कोई भी व्यक्ति विशेषकर महिला या अश्वेत व्यक्ति इन शब्दों को पढ़ने के बाद क्रिकेट और क्रिकेटरों के लिए जो छवि अपने दिमाग में बनाएगा वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है."
बता दें कि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच 2 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है. इस वक्त न्यूजीलैंड की टीम पहले टेस्ट में मजबूत स्थिति में नजर आ रही है. न्यूजीलैंड ने लॉर्ड्स में खेले जा रहे पहले टेस्ट में 3 विकेट के नुकसान पर 280 से अधिक रन बना लिये हैं.