दुनिया की कोई भी टीम हो अगर वो शर्मनाक हार के बाद घर लौटेगी तो उसके फैंस में नाराजगी स्वाभाविक है. फिर अगर हार के साथ साथ और भी कई खबरें आ रही हों तो गुस्सा और बढ़ जाता है. दरअसल, पाकिस्तानी फैंस की नाराजगी की एक बड़ी वजह ये भी है कि एडीलेड टेस्ट में हार के बाद बीच मैदान में उनके खिलाड़ी इमाम उल हक और बाबर आजम की खिलखिलाती हंसी का वीडियो वायरल हो गया है. आईसीसी ने भी इस फोटो को ट्वीट कर दिया. अब उस ट्वीट पर जिस तरह के कॉमेन्ट्स आ रहे हैं वो दिखाते हैं कि फैंस में नाराजगी किस कदर है. पिछले 24 घंटे में इमरान खान के सलाहकार नईम उल हक और पाकिस्तानी मंत्री अली हैदर जैदी तक इस नाराजगी को जाहिर कर रहे हैं. फिलहाल हर किसी की आंखों में टीम के कोच मिस्बाह उल हक चुभ रहे हैं. क्योंकि मिस्बाह उल हक ने जरूरत से ज्यादा जिम्मेदारियां तो ले लीं लेकिन अब वो उन जिम्मेदारियों को निभा नहीं पा रहे हैं. ऐसे में अब इस बात की उम्मीद ना के बराबर है कि इमरान खान मिस्बाह उल हक को बचा पाएंगे.

मिस्बाह के साथ कोई नहीं दिख रहा

मिस्बाह उल हक काफी हद तक अकेले दिखाई दे रहे हैं. पाकिस्तान के ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले टीम को श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टी-20 सीरीज में भी हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद ही पाकिस्तान क्रिकेट में उथल पुथल शुरू हुई. सबसे पहले टीम के कप्तान सरफराज अहमद की छुट्टी हो गई. सरफराज अहमद को हटा तो दिया गया लेकिन इस बात का जवाब किसी के पास नहीं था कि जिस खिलाड़ी ने टीम को नंबर एक टी-20 टीम बनाया उसे एक झटके में कैसे बाहर कर दिया गया. पुख्ता खबर ये भी आई कि मिस्बाह उल हक चाहते थे कि सरफराज अहमद को टीम के साथ रखा जाए लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के आला अधिकारियों ने साफ कर दिया था वो सरफराज अहमद को टीम के साथ नहीं चाहते. इसके बाद पाकिस्तान की टी-20 टीम की कमान बाबर आजम को टेस्ट टीम की कमान अजहर अली को दी गई. बावजूद इसके टीम का नतीजा जो हुआ वो दुनिया के सामने है. इन नतीजों के आने के दौरान मिस्बाह उल हक के खिलाफ पूर्व क्रिकेटरों की एक फौज बन चुकी है. इसमे रमीज राजा, शोएब अख्तर, सिकंदर बख्त, राशिद लतीफ, सकलैन मुश्ताक जैसे खिलाड़ी शामिल हैं.

मिस्बाह के अधिकार कम होना तय

ऑस्ट्रेलिया दौरे से लौटते ही मिस्बाह उल हक के अधिकारों में कटौती की खबर पक्की है. माना जा रहा है कि उन्हें चीफ सेलेक्टर या हेड कोच में से किसी एक पद को छोड़ना होगा. वैसे आपको बता दें कि इन दो जिम्मेदारियों के अलावा मिस्बाह उल हक बैटिंग कसंलटेंट भी हैं. पूर्व खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा आपत्ति इस बात पर है कि मिस्बाह उल हक के पास कोचिंग का कोई तजुर्बा नहीं था. लेकिन उन्हें एक साथ तीन तीन अहम अहम जिम्मेदारी दे दी गई. सवाल ये भी है कि अगर कोई खिलाड़ी मैदान में कुछ गलती कर रहा है तो वो अपने कोच से तो बात कर सकता है लेकिन अगर वही कोच टीम का चीफ सेलेक्टर भी हो तो खिलाड़ी कैसे अपनी कमी बताएगा. इन मुद्दों का जवाब किसी के पास नहीं है. इन परिस्थितियों में कयास यही लगाए जा रहे हैं कि इमरान खान मिस्बाह उल हक को राजी करेंगे, विश्वास में लेंगे और उनके अधिकारों में कटौती करेंगे. आपको बता दें कि 1992 से लेकर 2019 तक पाकिस्तान की टीम में करीब दो दर्जन कोच बदले हैं. 27 साल में दो दर्जन कोच यानी औसतन हर एक साल में कोच बदलना पाकिस्तान के लिए आम बात है. इसमें से कुछ मौके ऐसे भी आए हैं जब सीरीज के बीच से ही कोच को हटाया गया है. मिस्बाह उल हक की नौबत भी अब कुछ कुछ ऐसी ही है. सवाल सिर्फ यही है कि क्या उन्हें भरोसे में रखकर ये फैसला किया जाएगा या बिना कुछ कहे उन पर गाज गिरेगी.