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कप्तान की छुट्टी के बाद भी बदलते नहीं दिख रहे हैं पाकिस्तान में क्रिकेट के आसार
पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद की कप्तानी छिन गई है. टीम से भी उन्हें बाहर कर दिया गया है. पाकिस्तान क्रिकेट इन दिनों किस भूचाल से गुजर रहा है बता रहे हैं वरिष्ठ खेल पत्रकार शिवेंद्र कुमार सिंह.
पाकिस्तान क्रिकेट में काफी समय से उथल पुथल मची हुई थी लेकिन श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टी-20 सीरीज में हार के बाद पानी सर से ऊपर आ गया. पाकिस्तान फैंस की नाराजगी काफी ज्यादा बढ़ गई थी. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फैंस कप्तान सरफराज अहमद के कटआउट से मारपीट पर उतारू थे. कई पूर्व क्रिकेटर भी सरफराज अहमद के खिलाफ मोर्चा खोल चुके थे. शोएब अख्तर, रमीज राजा, राशिद लतीफ जैसे खिलाड़ी साफ तौर पर कह रहे थे कि अब सरफराज अहमद को हटाने का वक्त आ गया है. आखिरकार पीसीबी भी दबाव में दिखाई दी. पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान सरफराज अहमद पर गाज गिर ही गई. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने सरफराज अहमद को न सिर्फ कप्तानी से बर्खास्त कर दिया बल्कि उन्हें टीम से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया . अजहर अली को टेस्ट टीम का और बाबर आजम को टी-20 टीम का कप्तान बनाया गया है. अजहर अली ने अब तक खेले 73 टेस्ट मैचों में 43.27 की औसत से 5669 रन बनाए हैं. जिसमें 15 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं. बाबर आजम ने अब तक खेले 33 टी-20 मैचों में 49.61 की औसत से 1290 रन बनाए हैं, जिसमें 10 अर्धशतक शामिल हैं.
नए कप्तान और नए कोच के भरोसे टीम
पीसीबी चेयरमैन एहसान मनी ने सरफराज को हटाने के बाद कहा कि सरफराज को टीम से बाहर कर उन्हें अपने प्रदर्शन में सुधार का वक्त दिया गया है . ये फैसला आसान नहीं था. उन्होंने बतौर खिलाड़ी और कप्तान अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन हाल के दिनों में वो फॉर्म और आत्मविश्वास दोनों से दूर हैं. लिहाजा टीम के हित में ही उन्हें बाहर करने का फैसला किया गया. पाकिस्तान की टीम को अगला दौरा ऑस्ट्रेलिया का करना है. जहां उसे 3 टी-20 और 2 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है. सीरीज शुरू होने में अभी करीब 2 हफ्ते का समय है. जिसमें पाकिस्तान की टीम को नए कप्तान के साथ नए सिरे से रणनीति बनानी होगी. हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक़ को कोच और चीफ सेलेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. जिसके बाद श्रीलंका की बी टीम के खिलाफ उसे लाहौर में 3 टी-20 मैचों की सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद मिस्बाह ने एक इंटरव्यू में खिलाड़ियों पर उनकी बात ना मानने और फिटनेस के प्रति गंभीरता ना दिखाने का आरोप लगाया था.
एक के बाद एक परेशानियां
पाकिस्तान की असली समस्या उसके मुल्क में चल रहा अशांति का दौर है. पाकिस्तान के अवाम के एक बड़े हिस्से को लगता है कि उनके हुक्मरान मुश्किल हालातों से सही ढंग से निपट नहीं पा रहे हैं. मुल्क कर्जे में डूबता जा रहा है. इमरान खान और उनके बड़े मंत्री परमाणु बम की धमकी देने में ही लगे हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र के मंच से भी इमरान खान आतंक की बात करते ही दिखाई दिए. और तो और श्रीलंका के खिलाफ जिस सीरीज का आयोजन पाकिस्तान ने अपनी साख सुधारने के लिए किया था वो दांव भी उल्टा पड़ गया. श्रीलंका की टीम को मिली सुरक्षा ने पूरे शहर में कर्फ्यू जैसे हालात कर दिए. पाकिस्तानी मीडिया ने इस मामले में खूब हो-हल्ला मचाया. इसके बाद जब श्रीलंकाई टीम घर वापस पहुंची तो उसके खिलाड़ियों ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में उन्हें कैदियों की तरह रखा गया. उनके स्टेडियम के निकलने से आधे घंटे पहले रास्ते बंद कर दिए जाते थे. खिलाड़ियों को होटल के बाहर कहीं जाने की इजाजत नहीं थी. इस व्यवस्था से परेशान श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने लगभग मन बना लिया है कि वो दिसंबर में टेस्ट सीरीज खेलने के लिए दोबारा नहीं जाएंगे. इस हालात को भांप चुके पीसीबी ने श्रीलंका के सामने नई शर्त ये रखी है कि अगर उन्हें यूएई में खेलना है तो सीरीज का आधा खर्च उन्हें उठाना होगा. इसके बाद बड़ा डेवलपमेंट ये भी हुआ कि बांग्लादेश की महिला टीम ने भी पाकिस्तान जाने में ना नुकुर शुरू कर दी है. बड़ी मुसीबत अगले साल होने वाले एशिया कप को लेकर है. अगर टीमें पाकिस्तान खेलने जाने को तैयार ही नहीं हैं तो पाकिस्तान से एशिया कप की मेजबानी छिनती दिख रही है.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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