(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
टेनिस क्रिकेट की कमाई से चलती थी आकाश दीप की जिंदगी, पिता-भाई की मौत ने तोड़ दिया था हौसला; लेकिन दोस्त ने नहीं मानने दी हार
Akash Deep Story: 27 साल के आकाशदीप की कहानी बेहद दिलचस्प है. बंगाल के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले इस तेज गेंदबाज को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया में चुना गया है.
Akash Deep Story in Hindi: इंग्लैंड के खिलाफ बाकी तीन टेस्ट मैचों के लिए टीम इंडिया में एक युवा तेज गेंदबाज की एंट्री हुई है. इस धाकड़ गेंदबाज को घरेलू क्रिकेट में उनके दमदार प्रदर्शन की वजह से भारतीय टीम में चुना गया है. इस तूफानी गेंदबाज का नाम है आकाश दीप. भारतीय टीम में चुने जाने के बाद आकाश दीप ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया.
इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम तीन टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम में गए चुने तेज गेंदबाज आकाश दीप ने कहा कि उन्हें इतनी जल्दी नेशनल टीम में शामिल होने की उम्मीद नहीं थी. पिछले सत्र में बंगाल और भारत ए की तरफ से लाल गेंद की क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले आकाश दीप ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, "मुझे उम्मीद थी कि अगर मैं अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखता हूं तो मुझे भविष्य में टेस्ट टीम में चुन लिया जाएगा, लेकिन मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी कि तीसरे मैच में ही मुझे नेशनल टीम में जगह मिल जाएगी."
27 साल के इस तूफानी गेंदबाज ने अपने करियर की शुरुआत टेनिस क्रिकेट से की थी. आकाश दीप बिहार के रहने वाले हैं और वहां क्रिकेट को करियर के रूप में नहीं देखा जाता था. इस बारे में उन्होंने कहा, "बिहार में तब (भारतीय क्रिकेट बोर्ड से निलंबित होने के कारण) क्रिकेट के लिए कोई उचित मंच नहीं था, खासकर सासाराम में जहां का मैं रहने वाला हूं, वहां क्रिकेट खेलना अपराध माना जाता था. कितने ही माता-पिता अपने बच्चों से कहते थे कि आकाश से दूर रहो. वह पढ़ाई नहीं करता और उसकी संगत में रहकर बिगड़ जाओगे."
आकाश के पिता उन्हें सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाओं में भाग लेने के लिए कहते थे. उन्होंने कहा, "मेरे पिताजी मुझे बिहार पुलिस कांस्टेबल या राज्य सरकार में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की परीक्षा देने के लिए कहते थे. वह उन सरकारी नौकरी के आवेदन पत्र भरते थे और मैं परीक्षा देने जाता था और खाली फॉर्म जमा करके वापस आ जाता था."
आकाश ने 6 महीने के अंदर अपने पिता और बड़े भाई को खो दिया, जिससे सारे परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "मेरे पापा और भैया का 6 महीने में देहांत हो गया. मेरे पास अब खोने के लिए कुछ नहीं था. यही प्रेरणा थी कि मुझे कुछ करना है क्योंकि परिवार की जिम्मेदारी लेनी है."
एक दोस्त की मदद से आकाश को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक क्लब की तरफ से खेलने का मौका मिला, लेकिन उनकी कमाई टेनिस बॉल क्रिकेट खेलने से होती थी. आकाश दीप ने कहा, "मैं अपने क्लब की तरफ से लेदर बॉल की क्रिकेट खेलता था, लेकिन शुरू में उससे कमाई नहीं होती थी. इसलिए मैं महीने के तीन या चार दिन टेनिस बॉल क्रिकेट खेलता था, जिससे मुझे प्रतिदिन 6000 रुपए मिल जाते थे. इस तरह से महीने में मैं 20000 रुपए कमा लेता था."